कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि दो दिन यानी 18 और 19 नवंबर को रहेगी। इसी वजह से कार्तिक पूर्णिमा पर्व भी इस बार दो दिन मनाया जाएगा। ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि दीपदान की पूर्णिमा गुरुवार को मनाई जानी चाहिए। वहीं, स्नान-दान, व्रत और पूजा-पाठ शुक्रवार को रहेगी।
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक, इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाला चंद्रग्रहण भारत में सिर्फ असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में थोड़ी ही देर के लिए दिखेगा। इसलिए देश के बाकी हिस्सों में इसका धार्मिक महत्व नहीं रहेगा। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर पूजा और अन्य धार्मिक काम करने में कोई दोष नहीं रहेगा।
18 नवंबर को दीपदान की पूर्णिमा
गुरुवार, 18 नवंबर को पूर्णिमा तिथि सुबह तकरीबन 11:10 पर शुरू हो जाएगी और दिनभर रहेगी। इस कारण इस दिन खरीदारी, लेन-देन और निवेश के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। कार्तिक महीने की पूर्णिमा होने से इस पर्व पर दीपदान करने की परंपरा है।
कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ योग
19 नवंबर को छत्र योग और चंद्रमा अपनी उच्च राशि में रहेगा। साथ ही चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि रहेगी। इस शुभ संयोग में भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का फल और बढ़ जाएगा। शुक्रवार को पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय होने से इस दिन स्नान-दान, पूजा और व्रत वाली पूर्णिमा रहेगी। इस दिन देव दिवाली भी मनाई जाएगी।