अभी माघ मास की गुप्त नवरात्रि चल रही है। गुरुवार, 10 फरवरी माघ शुक्ल पक्ष की नवमी है। इस दिन गुप्त नवरात्रि समाप्त हो जाएगी। वैसे तो गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं के लिए साधना की जाती है, लेकिन काफी लोग इन दिनों में देवी मां की सामान्य पूजा भी करते हैं। नवरात्रि की नवमी पर देवी दुर्गा का पूजन करें, इस दिन देवी मां के किसी मंदिर में दर्शन करें। छोटी कन्याओं को पढ़ाई से जुड़ी चीजें, कपड़े, जूते-चप्पल या धन दान करें।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार अगर कोई विशेष साधना करना चाहते हैं तो किसी विशेषज्ञ ब्राह्मण से परामर्श जरूर करें, क्योंकि गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली साधना के नियम बहुत सख्त होते हैं और गलती होने पर साधना का उल्टा असर भी हो सकता है।

देवी मां की सामान्य पूजा करना चाहते हैं तो घर पर ही सरल स्टेप्स में कर सकते हैं। नवमी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। गणेश जी स्नान कराएं। हार-फूल और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें, भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।

गणेश पूजन के बाद देवी पूजा का संकल्प करें। मंदिर में देवी मूर्ति में माता दुर्गा का आवाहन करें, आवाहन यानी देवी मां को बुलाना।

माता दुर्गा को आसन दें। अब माता दुर्गा को स्नान कराएं। स्नान पहले जल से फिर पंचामृत से और फिर जल से स्नान कराना चाहिए।

दुर्गाजी को लाल चुनरी अर्पित करें। आभूषण, पुष्प हार चढ़ाएं। इत्र अर्पित करें। कुमकुम से तिलक लगाएं। लाल फूल अर्पित करें।

चावल चढ़ाएं। नारियल अर्पित करें। भोग लगाएं। धूप और दीप जलाएं। आरती करें। आरती के बाद परिक्रमा करें।

माता दुर्गा की पूजा में दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करें। पूजा में हुई गलतियों की क्षमा मांगे।

पूजा के बाद प्रसाद विपरीत करें और खुद भी ग्रहण करें। छोटी कन्याओं को भोजन कराएं और दान करें।

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