20 जून, रविवार को बृहस्पति कुंभ राशि में वक्री होगा। यानी टेढ़ी चाल से चलेगा। देवगुरु बृहस्पति 14 सितंबर को एक राशि पीछे यानी फिर से अपनी नीच राशि मकर में आ जाएंगे और 19 नवंबर तक इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद फिर से कुंभ राशि में इस ग्रह का प्रवेश होगा। बृहस्पति की चाल में इन बदलावों से देश में राजनैतिक, प्राकृतिक और सामाजिक बदलाव दिखेंगे। साथ ही इसका असर सभी राशियों पर भी पड़ेगा।

पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि बृहस्पति की चाल में बदलाव होने से तेज आंधी और देश के कुछ हिस्सें में खूब बारीश होगी। कहीं बाढ़ की स्थिति भी बनेगी। देश के उत्तरी राज्यों में प्राकृतिक प्रकोप के कारण जन-धन हानि होने की आशंका है। प्राकृतिक आपदा, भूकंप, अग्निकांड या तूफान से भी लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। इस ग्रह के कारण देश की राजनीति में भी बड़े बदलाव हो सकते हैं। बृहस्पति और शनि का योग फिर से बनने के कारण देश में संक्रमण बढ़ने की आशंका भी रहेगी।

गुरु ग्रह धर्म, अध्यात्म, धन, ज्ञान और सत्कर्म के कारक
देव गुरु को सर्वाधिक शुभ और जल्दी फल देने वाला माना गया है। गुरु ग्रह को धर्म, अध्यात्म, धन, ज्ञान और सत्कर्म का कारक माना जाता है। यह विवाह व सुखी दाम्पत्य जीवन का भी कारक ग्रह है। जिन लोगों के विवाह रुके थे, उनके विवाह में आ रही बाधाएं दूर होंगी। यह धनु व मीन राशि के स्वामी है। डॉ. मिश्र के मुताबिक गुरु पंचम दृष्टि से मिथुन, सप्तम से सिंह व नवम से तुला को देख रहे हैं। इन तीनों राशियों के लिए ये मंगलकारी रहेंगे। इस दौरान लोगों का रुझान संगीत, कला और औषधि निर्माण व अनुसंधान आदि की तरफ बढ़ेगा।

12 राशियों पर असर
देव गुरु बृहस्पति की चाल में बदलाव होने से मेष, वृष, सिंह, तुला, धनु और कुंभ राशि वाले लोगों के लिए फायदेमंद समय रहेगा। इन लोगों को विद्या में सफलता तो मिलेगी साथ ही धन लाभ के भी शुभ योग हैं। विवाह व संतान के योग बनेंगे। नौकरी में प्रमोशन हो सकता है। बेरोजगार लोगों को काम मिल सकता है।

कर्क, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। इन लोगों के कामों में कुछ रुकावटें आएंगी, लेकिन वो पूरे भी होंगे। खर्चा बढ़ेगा। सेहत को लेकर चिंता बढ़ सकती है। इनके अलावा मिथुन और मकर राशि वाले लोगों के लिए समय मिला-जुला रहेगा।

 

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