मंगलवार, 1 मार्च को महाशिवरात्रि है। इस साल महाशिवरात्रि पर पंचग्रही योग बन रहा है। 1 मार्च को बुध, शुक्र, मंगल, शनि और चंद्र मकर राशि में रहेंगे। सूर्य-गुरु कुंभ राशि में रहेंगे। इस बार शिवरात्रि मंगलवार को मनाई जाएगी और इस वार का कारक ग्रह मंगल मकर में उच्च का रहेगा। शनि खुद की मकर राशि में रहेगा। बुध-शुक्र भी मित्र राशि में रहेंगे।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक मकर राशि में चंद्र और शनि का योग होने से विषयोग बनेगा। इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। इस नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। महाशिवरात्रि पर बन रहे इन योगों की वजह से मंहगाई में बढ़ोतरी हो सकती है, देश की सीमा पर तनाव जैसे हालात बन सकते हैं, प्रकृतिक घटनाएं होने की संभावनाएं बन रही हैं। जनता में सरकार के लिए असंतोष रहेगा।

क्यों मनाते हैं महाशिवरात्रि?

पं. शर्मा के मुताबिक शिवपुराण में बताया गया है कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात में भगवान शिव अग्रि स्तंभ के रूप में ब्रह्मा जी और विष्णु जी के सामने प्रकट हुए थे। उस समय आकाशवाणी हुई थी कि इस तिथि की रात में जागकर जो भक्त मेरे लिंग रूप का पूजन करेगा, वह अक्षय पुण्य प्राप्त करेगा।

कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर शिव-पार्वती का विवाह हुआ था। शिव-पार्वती जी के विवाह के संबंध में शिवपुराण में लिखा है कि शिव-पार्वती विवाह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि सोमवार को हुआ था। उस समय चंद्र, बुध लग्र में थे और रोहिणी नक्षत्र था। शिव जी और माता सती का विवाह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि रविवार को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ था।

क्या है शिव शब्द का अर्थ?

उच्चारण में अत्यंत सरल शिव शब्द की उत्पत्ति वश कान्तौ धातु से हुई है। इसका अर्थ यह है कि जिसे सभी प्रेम करते हैं, सभी चाहते हैं, वह शिव हैं, सभी आनंद चाहते हैं यानी शिव का एक अर्थ आनंद भी है। भगवान शिव का एक नाम शंकर भी है। शं का अर्थ है आनंद और कर शब्द का अर्थ है करने वाला। शंकर शब्द का अर्थ है आनंद करने वाला यानी आनंद देने वाले ही शंकर हैं।

शिवरात्रि से जुड़ी मान्यता

जैसा कि नाम से ही समझ सकते हैं शिवरात्रि रात का व्रत है। इस रात के चारों प्रहरों में जागकर शिव जी का पूजन करने वाले पर भक्त को भगवान शिव की कृपा मिलती है। मान्यता है कि इस रात में शिव जी और माता पार्वती एक साथ भ्रमण पर निकलते हैं। महाशिवरात्रि व्रत करने वाले पर इनकी विशेष कृपा होती है।

 

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