जुलाई में तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों की स्थिति से कई शुभ संयोग बन रहे हैं। जिनमें खरीदारी, निवेश और नए कामों की शुरुआत करना शुभ रहेगा। साथ ही इस महीने प्रॉपर्टी और व्हीकल खरीदारी के साथ ही रियल स्टेट में निवेश के लिए 13 दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे। ये मुहूर्त स्थिर, राजयोग, रवियोग, सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि और द्विपुष्कर जैसे बड़े शुभ योगों से बन रहे हैं। इन शुभ तारीखों में की गई खरीदारी या निवेश से फायदा और बढ़ जाएगा।
दक्षिणायन और देवशयन में भी खरीदारी के शुभ मुहूर्त
इस महीने 16 तारीख को सूर्य कर्क राशि में आएगा तब से अगले 6 महीने तक दक्षिणायन रहेगा। वहीं, 20 जुलाई को देवशयन हो जाएगा। पुराणों में बताया गया है कि दक्षिणायन और देवशयन के दौरान शुभ काम नहीं किए जाते हैं। लेकिन पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक ज्योतिष के मुहूर्त ग्रंथों में बताया गया है कि इस दोरान खरीदारी करने से कोई दोष नहीं लगता है। साथ ही पूरे साल खरीदारी की जा सकती है। चाहे वो पितृपक्ष हो, खरमास, धनुर्मास या अधिकमास हो।
आखिरी सप्ताह में लगातार 7 मुहूर्त
डॉ. मिश्र बताते हैं कि जुलाई के पहले और दूसरे सप्ताह में 2-2 मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद तीसरे हफ्ते में भी खरीदारी के लिए 2 शुभ दिन रहेंगे। वहीं महीने के आखिरी में प्रॉपर्टी और व्हीकल खरीदारी के साथ रियल एस्टेट में निवेश के लिए लगातार 7 दिन तक शुभ मुहूर्त रहेंगे। इस तरह जुलाई में कुल 13 दिन शुभ मुहूर्त होंगे
तारीख और वार | योग-संयोग |
1 जुलाई, गुरुवार | छत्र, सौभाग्य और सर्वार्थसिद्धि योग |
4 जुलाई, रविवार | आनंद, सुकर्मा और सर्वार्थसिद्धि योग |
14 जुलाई, बुधवार | स्थिर, रवियोग और गजकेसरी राजयोग |
15 जुलाई, गुरुवार | मातंग, रवियोग और गजकेसरी राजयोग |
16 जुलाई, शुक्रवार | अमृत योग और कर्क संक्रांति का संयोग |
19 जुलाई, सोमवार | शुभ, मित्र, रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग |
24 जुलाई, शनिवार | चर, प्रीति, महालक्ष्मी और सर्वार्थसिद्धि योग |
25 जुलाई, रविवार | आयुष्मान, मातंग, महालक्ष्मी और द्विपुष्कर योग |
26 जुलाई, सोमवार | सौभाग्य, शुभ, अमृत और गजकेसरी राजयोग |
27 जुलाई, मंगलवार | शोभन और गजकेसरी राजयोग |
28 जुलाई, बुधवार | पद्म योग, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और पूर्णा तिथि का संयोग |
29 जुलाई, गुरुवार | सुकर्मा, छत्र, मित्र, रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग |
30 जुलाई, शुक्रवार | धृति, श्रीवत्स, रवियोग, सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग |