घर पर पूजाघर का स्थान सबसे अहम होता है। घर का यही वह हिस्सा होता है जहां से सबसे ज्यादा शांति और ऊर्जा प्राप्ति होती है। दिन की अच्छी शुरुआत और शुभ कार्यो के लिए पूजा घर को बनवाते समय और पूजा करते वक्त कौन- कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि हमारे जीवन में सुख-समृद्धि आ सके। पूजाघर वास्तु नियमों के अनुसार होना चाहिए अन्यथा गलत दिशा में की गई पूजा से लाभ होने की बजाय आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
पूजाघर की दिशा
घर पर पूजाघर की दिशा विशेष महत्व होता है। वास्तु के अनुसार पूजा घर की सबसे अच्छी दिशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व की दिशा मानी जाती है।
पूजा करने की दिशा
पूजा करते वक्त मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर करना चाहिए। वास्तु में कहा गया है कि धन प्राप्ति के लिए उत्तर दिशा एवं ज्ञान प्राप्ति के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके की गई पूजा चमत्कारिक लाभ देती है।
पूजा स्थल पर जरूर करें ये काम
पूजा स्थल में सुबह-शाम नियमित रूप से दीपक जलाना एवं शंख जरूर रखना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर परिवार में सुख-सौहार्द का वातावरण बनेगा।
यहां पर ना बनाए पूजाघर
पूजाघर कभी भी बाथरूम के आसपास नहीं बनवाना चाहिए और ना ही सीढ़ियों के नीचे या स्टोररूम में होना चाहिए।
पूजा घर में ना रखें ऐसी मूर्तियां
पूजाघर में कभी भी किसी भगवान की खंडित मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। इसके अलावा एक ही भगवान की कई मूर्तियां भी नहीं होनी चाहिए।
पूजा घर में ना रखें ऐसी चीजें
पूजा घर में केवल भगवान की मूर्तियां और पूजा साम्रगी ही रखनी चाहिए। कभी भी इस स्थान पर मंहगी चीजों को छिपाकर नहीं रखना चाहिए।