अभी शिवजी का प्रिय माह सावन चल रहा है। ये महीना रक्षा बंधन यानी सावन माह पूर्णिमा (22 अगस्त) तक रहेगा। इस महीने में पारद शिवलिंग की विशेष पूजा करने का विशेष महत्व है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार लिंगपुराण और शिवपुराण में पारद शिवलिंग के बारे में बताया गया है। वास्तु शास्त्र में भी पारद शिवलिंग को घर के वास्तु दोष दूर करने वाला माना गया है।

शिव महापुराण के मुताबिक करोड़ों शिवलिंगों की पूजा से जो फल प्राप्त होता है, उससे भी करोड़ गुना ज्यादा फल पारद शिवलिंग की पूजा और दर्शन से मिलता है। पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल सकती है।

सावन माह में नियमित रूप पारद शिवलिंग की पूजा करने नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है और सकारात्मकता बढ़ती है। मन शांत रहता है और दैनिक कामों में एकाग्रता बनी रहती है।

घर में कितना बड़ा शिवलिंग रखना चाहिए?

बड़े शिवलिंग बड़े मंदिरों में रखना चाहिए। शिवलिंग को बहुत संवेदनशील माना गया है। इस वजह से घर में हाथ के अंगूठे के पहले भाग से बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। जहां शिवलिंग रखा हो, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। रोज सुबह-शाम शिवलिंग के पास दीपक जलाएं। भोग लगाएं। घर में क्लेश न करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें।

तरल धातु पारे से कैसे बनता है शिवलिंग?

पारा तरल धातु है। इससे शिवलिंग बनाने काफी समय लगता है। ये काम बहुत मुश्किल भी है। शिवलिंग बनाने के लिए सबसे पहले पारे को साफ किया जाता है। इसके लिए अष्ट-संस्कार किए जाते हैं। इसके बाद कई औषधियां मिलाकर तरल पारे का बंधन किया जाता है यानी ठोस किया जाता है। अष्ट संस्कार में करीब 6 महीने लगते हैं। इसके बाद शेष क्रियाओं में 2-3 माह का समय और लग जाता है, तब पारे से शिवलिंग बनकर तैयार होता है।

खंडित शिवलिंग की भी कर सकते हैं पूजा

शिवलिंग को निराकार स्वरूप माना जाता है, इस कारण शिवलिंग खंडित होने के बाद पूजनीय रहता है। घर में रखा शिवलिंग खंडित हो जाए, तब भी उसकी विधिवत पूजा की जा सकती है।

 

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