हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि 01 मार्च को मनाई जाएगी। भगवान भोलेनाथ को चतुर्दशी तिथि बहुत ही प्रिय होती है,इसलिए हर माह के कृष्ण पक्ष की चतु्र्दशी को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर कई तरह के कथाएं प्रचलित हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। यही कारण है कि महाशिवरात्रि को अत्यन्त महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है। शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत ही खास होता है। इसमें भक्त व्रत रखते हुए भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा आराधना करते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर दो शुभ संयोग बनने के साथ पंचग्रही योग भी बन रहा है। ऐसे में शुभ संयोग में महाशिवरात्रि पर शिव आराधना करने पर सभी भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी होंगी।
महाशिवरात्रि पर शुभ योग
इस बार महाशिवरात्रि पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ परिघ योग बनेगा। धनिष्ठा और परिघ योग के बाद शतभिषा नक्षत्र और शिव योग का संयोग होगा। ज्योतिषशास्त्र में परिघ योग में पूजा करने पर शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि पर ग्रहों का योग
इस वर्ष महाशिवरात्रि 01 मार्च को मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि पर ग्रहों का विशेष योग बनने जा रहा है। दरअसल इस बार मकर राशि में पंचग्रही योग का निर्माण हो रहा है। मकर राशि में शनि, मंगल, बुध, शुक्र और चंद्रमा ये पांचों ग्रह एक साथ रहेंगे। इसके अलावा लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति भी रहेगी।
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि तिथि
चतुर्दशी तिथि आरंभ: 1 मार्च, मंगलवार, 03:16 AM
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 2 मार्च, बुधवार, 1:00 AM
चारों प्रहर का पूजन मुहूर्त
महाशिवरात्रि पहले पहर की पूजा: 1 मार्च 2022 को 6:21PM से 9:27PM
महाशिवरात्रि दूसरे पहर की पूजा: 1 मार्च को रात्रि 9:27PM से 12:33AM
महाशिवरात्रि तीसरे पहर की पूजा: 2 मार्च को रात्रि 12:33AM से सुबह 3:39AM
महाशिवरात्रि चौथे पहर की पूजा: 2 मार्च 2022 को 3:39PM से 6:45PM
महाशिवरात्रि पूजन विधि
महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी से स्नान करके लोटे में पानी और दूध भरकर साथ में बेलपत्र आक-धतूरे के फूल पास के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए। महाशिवरात्रि पर शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप इस दिन करें। शिवरात्रि का पूजन निशीथ काल में करना शुभ रहता है।