गुरुवार, 11 मार्च को शिवजी और माता पार्वती की पूजा का पर्व महाशिवरात्रि है। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, बिल्व पत्र चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शिवलिंग के सामने बैठकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करें। इस मंत्र के जाप से तनाव दूर होता है। लगातार मंत्र जाप करने से मन शांत होता है।

महामृत्युंजय मंत्र

ऊँ त्र्यंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्द्धनम्, ऊर्वारुकमिव बंधनात, मृत्योर्मुक्षियमामृतात्।।

अर्थ – हम तीन नेत्र वाले भगवान शिव का मन से ध्यान करते हैं। आप हमारे जीवन की मधुरता को पोषित और पुष्ट करते हैं। जीवन और मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर अमृत की ओर अग्रसर हों।

मंत्र जाप से बढ़ती है एकाग्रता

मंत्र का लगातार जाप करने से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा मिलती है। बार-बार एक ही लय में जाप से शरीर की थकान दूर होती है। मन की एकाग्रता बढ़ती है। शिवपुराण में महामृत्युंजय मंत्र की महिमा बताई गई है। इस मंत्र के जाप से शिवजी बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

शिवलिंग के सामने बैठकर करें मंत्र जाप

इस मंत्र का जाप शिवलिंग के सामने बैठकर करना चाहिए। मंत्र जाप करने वाले भक्त को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। शिवलिंग के सामने दीपक जलाएं और पूरी एकाग्रता के साथ मंत्र का जाप करें। इसके लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना चाहिए। मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।

ये बातें ध्यान रखें

मंत्र का उच्चारण बिल्कुल सही होना चाहिए। जो लोग स्वयं इस मंत्र का सही उच्चारण नहीं कर पा रहे हैं तो किसी ब्राह्मण से मंत्र जाप करवा सकते हैं। मंत्र जाप करते समय दीपक जलते रहना चाहिए। हमेशा आसन पर बैठकर ही मंत्र जाप करें। जाप करते समय भक्त का मुख पूर्व दिशा की ओर रहना चाहिए। भक्त को गलत कामों से दूर रहना चाहिए। अन्यथा मंत्र जाप का पुण्य नहीं मिल पाता है।

 

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