माघ महीने में शनिवार को प्रदोष तिथि के संयोग में की गई शिव पूजा पुण्य फल देने वाली होती है। अंग्रेजी कैलेंडर में साल का दूसरा प्रदोष 29 जनवरी को किया जाएगा। इस संयोग में की गई पूजा से शनि के अशुभ प्रभाव से होने वाली तकलीफों से राहत मिलती है। जो लोग शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढय्या से परेशान हैं उनके लिए ये दिन बहुत खास रहेगा। इस दिन द्वादशी होने से भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा का विशेष संयोग बनेगा।

प्रदोष यानी शुक्ल और कृष्णपक्ष की तेरहवीं तिथि
शुक्ल और कृष्णपक्ष की त्रयोदशी यानी तेरहवीं तिथि को प्रदोष कहा जाता है। शिवपुराण के अनुसार शिवजी की प्रिय तिथि होने से प्रदोष में की गई शिव पूजा का विशेष फल मिलता है। भगवान शिव ही शनि देव के गुरू हैं। इसलिए सावन महीने में शनिवार के दिन शिव पूजा करने से शनिदोष के कारण होने वाली तकलीफों से राहत मिलती हैं।

जरूरतमंद को कपड़े, अन्न और जूते-चप्पल का दान
शनि प्रदोष के दिन व्रत, पूजा और दान करने से सुख और सौभाग्य बढ़ता है। शरीरिक परेशानियां दूर होती हैं। उम्र बढ़ती है। संपत्ति और धन लाभ भी होता है। शनि प्रदोष के दिन जरूरतमंद लोगों को कपड़े और अन्न दान के साथ ही जूते-चप्पल का भी दान करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।

पितृदोष में आती है कमी
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र ने बताया कि इस दिन रुद्राभिषेक और शनिदेव का तेलाभिषेक करने के बाद चांदी के नाग नागिन की पूजा करनी चाहिए। फिर उन्हें पवित्र नदी में बहा देना चाहिए। शिवजी का अभिषेक करने से पितृदोष भी खत्म होता है। इसके साथ ही शनिदेव का तेल से अभिषेक करने से भी हर तरह की परेशानियां खत्म हो जाती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *