अभी हिन्दी पंचांग का दसवां माह पौष चल रहा है। सूर्य जब गुरु की राशि धनु या मीन में होता है, तब खर मास रहता है। फिलहाल सूर्य धनु राशि में है, इस कारण 14 जनवरी तक खर मास रहेगा। 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। पौष मास 17 जनवरी तक रहेगा। इस मास में सूर्य पूजा करने का विशेष महत्व है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शास्त्रों में सूर्यदेव का काफी अधिक महत्व बताया गया है। पौष और खर मास में रोज सुबह स्नान के बाद सूर्य पूजा करनी चाहिए। इन दिनों में अगर संभव हो सके तो किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। नदी में स्नान करने के बाद नदी के जल से अर्घ्य अर्पित करना चाहिए।

हनुमान जी के गुरु हैं सूर्य देव

मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करने वाले भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। हनुमान जी जब शिक्षा ग्रहण करने के योग्य हुए तो माता-पिता अंजनी और केसरी ने उन्हें सूर्य देव से ज्ञान प्राप्त करने के लिए भेजा था।

हनुमान जी ने सूर्यदेव से गुरु बनने के लिए प्रार्थना की तो सूर्यदेव ने कहा, ‘मुझे बिना रुके लगातार चलते रहना होता है। यही मेरा कर्म है, मैं कहीं भी एक पल के लिए भी रुक नहीं सकता हूं तो तुम्हें ज्ञान कैसे दे पाऊंगा?’

हनुमान जी ने सूर्यदेव की बात सुनकर कहा, ‘आप रुके बिना ही मुझे ज्ञान दीजिए। आप बोलते जाइए, मैं आपके साथ चलते-चलते ही ज्ञान ग्रहण करूंगा।’

इस बात से सूर्यदेव संतुष्ट हो गए और वे हनुमान जी को ज्ञान देने के लिए तैयार हो गए। इसके बाद सूर्यदेव ने सभी वेदों और शास्त्रों का ज्ञान हनुमान को चलते-चलते ही दिया। इस तरह सूर्यदेव की कृपा से ही हनुमानजी को ज्ञान मिला।

माता सीता के आशीर्वाद की वजह से हनुमान जी अजर-अमर माने गए हैं। हनुमान जी ने सूर्यदेव द्वारा दी गई शिक्षा से ही ज्ञानी और भगवान श्रीराम के परम भक्त हुए।

 

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