10 दिसंबर को बुध ग्रह धनु राशि में आ जाएगा। इस राशि में 29 दिसंबर को सुबह तकरीबन 11.40 तक रहेगा। इस बीच 16 तारीख को सूर्य भी बुध के साथ आ जाएगा। जिससे करीब 13 दिनों तक इस गोचर से बुधादित्य योग बनेगा। लेकिन गुरु ग्रह बुध को शत्रु मानता हैं और गुरु धनु राशि का स्वामी भी है। इसलिए बुध के राशि परिवर्तन का शुभ असर कम ही दिखेगा। इससे पहले शुक्र और मंगल ग्रहों ने इस हफ्ते राशियां बदली थी। ग्रहों की ये उथल-पुथल देश-दुनिया में बड़े बदलाव वाली रहेगी।
21 को बुध ग्रह का उदय
बुध ग्रह 13 नवंबर से अस्त चल रहा है। इसी स्थिति में ये ग्रह राशि बदलकर धनु में आ रहा है। अस्त होने की वजह से बुध के शुभ प्रभावों में और कमी आ जाएगी। बुध ग्रह 21 दिसंबर को फिर उदय होगा। इस तरह 39 दिन तक अस्त स्थिति में रहने के बाद ये ग्रह उदय होगा और हफ्ते भर बाद फिर राशि बदलकर मकर में चला जाएगा।
बुद्धि और वाणी का ग्रह है बुध
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि वाणी और बुद्धि के ग्रह बुध ग्रह के धनु राशि में आने से कई लोगों में मतभेद हो सकते हैं। कुछ देश आपस में दोस्ती बढ़ाने की जगह कूटनीतियां बनाने की कोशिश करेंगे। इसलिए लोगों को शांति से मतभेद सुलझाने की कोशिश करनी होगी। बुध ग्रह के शुभ प्रभाव से निवेश और लेन-देन में धन लाभ होता है। गले की बीमारियों में भी राहत मिलती है।
अगला राशि परिवर्तन 16 दिसंबर को
डॉ. मिश्र ने बताया कि 16 दिसंबर से सूर्य अपनी स्थिति बदलेंगे और धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास शुरू हो जाएगा और विवाह सहित शुभ कामों की मनाही होगी। खासतौर से शादी-विवाह नहीं होंगे। ये खरमास 16 जनवरी तक रहेगा। खरमास में पूजा-अर्चना और आराधना का महत्व है। इसलिए इस दौरान शादी-विवाह नहीं होते।