गुरुवार, 11 मार्च को शिवरात्रि है। इस दिन पारद शिवलिंग की पूजा करने का महत्व काफी अधिक है। मान्यता है कि शिवरात्रि पर शिवलिंग के दर्शन करने की परंपरा है। इस दिन जो लोग मंदिर नहीं जा सकते, उन्हें घर में ही शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। अगर घर में शिवलिंग नहीं है तो शिवरात्रि पर छोटा सा पारद शिवलिंग घर ला सकते हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार घर में पारद शिवलिंग रखा हो तो वास्तु दोष भी दूर होते हैं। शिवपुराण पारद शिवलिंग का महत्व बताया गया है। शिवपुराण में लिखा है कि-
लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात्।
तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।
ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्याया: शतानि च।
तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात्।।
स्पर्शनात्प्राप्यत मुक्तिरिति सत्यं शिवोदितम्।।
इसका सरल अर्थ यह है कि करोड़ों शिवलिंगों की पूजा से जो पुण्य फल मिलता है, उससे भी करोड़ गुना ज्यादा फल पारद शिवलिंग की पूजा और दर्शन से मिल जाता है। पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल सकती है।
कैसे बनता है पारद शिवलिंग
पारे से शिवलिंग बनाने का काम आसान नहीं है। इसमें काफी मेहनत लगती है और समय भी ज्यादा लगता है। सबसे पहले पारे को साफ किया जाता है। इसके लिए अष्ट-संस्कार किए जाते हैं। कई औषधियां मिलाकर तरल पारे का बंधन किया जाता है यानी ठोस किया जाता है। अष्ट संस्कार में करीब 6 महीने लगते हैं। इसके बाद बाकी प्रक्रिया में 2-3 महीने का समय लग जाता है, तब पारे से शिवलिंग बनकर तैयार होता है।
शिव पूजा में ध्यान रखें ये बातें भी
घर में जहां शिवलिंग रखा हो, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोज सुबह-शाम शिवलिंग के पास दीपक जलाएं। भोग लगाएं। घर में क्लेश न करें और शिवजी के मंत्र ऊँ नम: शिवाय, ऊँ सांब सदा शिवाय नम: का जाप कर सकते हैं।