वैशाख मास हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना होता है। जो कि 28 अप्रैल से 26 मई तक है। इसमें भगवान विष्णु और शिवजी की विशेष पूजा की परंपरा है साथ ही पूरे महीने व्रत और उपवास रखे जाते हैं। वैशाख महीने में सूर्योदय से पहले उठकर नहाने और जल दान करने का महत्व पुराणों में बताया गया है। साथ इस महीने पितरों को तर्पण करने के साथ फल दान का भी विशेष महत्व है।
इस महीने को भगवान विष्णु का पसंदीदा महीना माना जाता है। इसलिए वैशाख में तुलसी से विष्णुजी और भगवान शालग्राम की पूजा की परंपरा है। साथ ही सुबह जल्दी उठकर लोटे में पानी, कच्चा दूध और तिल मिलाकर पीपल को जल चढ़ाने की भी परंपरा है।
वैशाख महीने के व्रत त्योहार
7 मई, शुक्रवार : वरुथिनी एकादशी, वल्लभाचार्य जयंती 8 मई, शनिवार : प्रदोष व्रत 11 मई, मंगलवार : सतुवाई अमावस्या, भौमावस्या 14 मई, शुक्रवार : अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती 18 मई, मंगलवार : गंगा सप्तमी, 19 मई, बुधवार : चित्रगुप्त प्राकट्योत्सव 20 मई, गुरुवार : जानकी जयंती 22 मई, शनिवार : मोहिनी एकादशी 25 मई, मंगलवार : नवतपा शुरू 26 मई, बुधवार : वैशाख पूर्णिमा, कूर्म अवतार, बुद्ध जयंती
वैशाख महीने में बनने वाले शुभ योग
1. सर्वार्थसिद्धि योग
29 अप्रैल, गुरुवार – सूर्योदय से दोपहर 2:30 तक
2 मई, रविवार – सुबह 9 से अगले दिन सूर्योदय तक
3 मई, सोमवार – सुबह 9 से अगले दिन सूर्योदय तक
12 मई, बुधवार – सुबह सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक
17 मई, सोमवार – दोपहर 1:30 से अगले दिन सूर्योदय तक
18 मई, मंगलवार – दोपहर 3 बजे से अगले दिन सूर्योदय तक
23 मई, रविवार – सूर्योदय से दोपहर 12:30 तक
26 मई, बुधवार – सूर्योदय से रात 1 बजे तक
2. अमृतसिद्धि योग
23 मई, रविवार – सूर्योदय से दोपहर 12 बजे तक
26 मई, बुधवार – सूर्योदय से रात 1 बजे तक
3. रवियोग
2 मई, रविवार – सुबह 9 से अगले दिन सूर्योदय तक
15 मई, शनिवाार – सुबह 8:30 से अगले दिन सूर्योदय तक
16 मई, रविवार – सूर्योदय से सुबह 11:30 तक
17 मई, सोमवार – दोपहर 1:30 से अगले दिन सूर्योदय तक
18 मई, मंगलवार – सूर्योदय से दोपहर 3 बजे तक
22 मई, शनिवार – सूर्योदय से दोपहर 2 बजे तक
24 मई, सोमवार – सुबह 10 से अगले दिन सूर्योदय तक