शनैश्चरी अमावस्या, दर्श अमावस्या की श्रेणी में आ रही है। इस श्रेणी में अमावस्या सुबह से शाम तक अपनी तिथि में अनुसार गोचर करती है, वह दर्श कहलाती है। इस दिन पंचक का नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद विद्यमान रहेगा। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी अजेकपाद हैं तथा ग्रह गणना से स्वामित्व देव गुरु बृहस्पति का है। पूर्वाभाद्रपद उग्र काण लोचन की संज्ञा में आता है। यह नक्षत्र कुंडली में विपरीत ग्रहों की वैदिक शांति कराने पर विशेष लाभ पहुंचाता है। पंचक के नक्षत्रों में से तीसरी श्रेणी में इसका प्रभाव दर्शाया जाता है इसलिए यह त्रिगुणी सकारात्मक लाभकारी बताया गया है। आइए ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास से जानते हैं कि किस तरह करें इस दिन पूजा।

सूर्य देव को करें प्रसन्न:

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को कुंडली में लग्न और आरोग्यता का कारक माना जाता है। अमावस्या के दिन सूर्य देव की करके बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं। फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह सूर्य चालीसा का पाठ करें। भगवान सूर्य के 12 नामों का जाप सुबह के समय घी का दीपक जलाकर करें। इस दिन लाल मीठी चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।

शनिदेव को प्रसन्न और नौकरी संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए उपाय:

हनुमान जी की पूजा:

शनि देव को हनुमान जी का परममित्र कहा जाता है। शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। इस दिन शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

पीपल के पेड़ की पूजा:

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के वृक्ष को सबसे फलदायी माना जाता है। कहते हैं कि पीपल के पेड़ में सभी देवताओं का वास होता है। शनि देव के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से शनिदोष खत्म होता है।

शमी के वृक्ष की पूजा:

कहा जाता है कि शनि देव को शमी का वृक्ष प्रिय है। शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए शमी के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। शनिवार के दिन शाम को शमी के पेड़ के पास दीपक जलाने से लाभ मिलता है।

गाय की पूजा:

शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करनी चाहिए। गाय को चारा व रोटी खिलाएं। कहते हैं कि ऐसा करने से शनि पीड़ा से छुटकारा मिलता है।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। ‘  

 

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