इस बार पितृ पक्ष से लेकर नवरात्र और शरद पूर्णिमा तक 16 दिन शुभ रहेंगे। इन मुहूर्त में प्रॉपर्टी खरीदी और रियल एस्टेट में निवेश करना शुभ रहेगा। साथ ही वाहन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, ज्वेलरी और कपड़ों की खरीदारी की जा सकेगी। इन दिनों में 6 सर्वार्थसिद्धि और 11 रवियोग के साथ एक-एक द्विपुष्कर, त्रिपुष्कर और अमृतसिद्धि योग रहेंगे। वहीं, पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग भी बनेगा।
पितृ पक्ष में खरीदारी से दोष नहीं
पितृ पक्ष 6 अक्टूबर तक रहेगा। इस दौरान रियल एस्टेट में निवेश के साथ ही खरीदारी और नए कामों की शुरुआत करने से भी दोष नहीं लगता है। इनके लिए श्राद्ध पक्ष में 7 दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र और काशी विद्वत परिषद के मंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी का कहना है कि श्राद्ध पक्ष में किसी भी तरह की खरीदारी की मनाही नहीं है। इस दौरान नए कामों की भी शुरुआत की जा सकती है।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्णकुमार भार्गव बताते हैं कि पितृ पक्ष में सिर्फ मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। इस बार सर्वपितृ अमावस्या पर सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। इस योग में किए गए कामों में सफलता मिलने की पूरी संभावना होती है।
पुष्य नक्षत्र का संयोग
1 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। शुक्रवार होने से इस दिन ज्वेलरी, फर्नीचर, कपड़े, सजावटी सामान और हर तरह की भौतिक सुख-सुविधाओं की खरीदारी करना शुभ रहेगा। पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदारी लंबे समय तक सुख देने वाली मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा अपनी ही राशि में होने से बृहस्पति के साथ दृष्टि संबंध बनाएगा। जिससे गजकेसरी नाम का राजयोग दिनभर रहेगा। साथ ही शिव और सिद्ध योग भी होने से ये दिन और भी शुभ हो गया है।
दशहरे तक 6 बड़े शुभ मुहूर्त
7 अक्टूबर को घट स्थापना के साथ नवरात्र शुरू हो जाएंगे। इस बार तिथियों की घट-बढ़ होने से शक्ति उपासना के लिए नौ की जगह 8 दिन ही मिलेंगे। इस नवरात्रि में 5 दिन रवियोग रहेंगे। वहीं दशहरे पर अबूझ मुहूर्त होने के साथ रवियोग भी बन रहा है। इस तरह 15 अक्टूबर तक हर तरह की खरीदारी, रियल एस्टेट में निवेश और नए कामों की शुरुआत के लिए 6 बड़े मुहूर्त रहेंगे।
दशहरे से शरद पूर्णिमा तक 3 शुभ योग
दशहरे के बाद शरद पूर्णिमा तक 5 दिनों में 3 शुभ मुहूर्त रहेंगे। इनमें एक सर्वार्थसिद्धि, एक त्रिपुष्कर और एक रवियोग रहेगा। इन तीनों ही शुभ योगों में नए कामों की शुरुआत के साथ मांगलिक कामों की खरीदारी भी जा सकती है।