सावन महीने का हर मंगलवार खास माना गया है। पुराणों में बताया है कि इस दिन देवी पार्वती के साथ मां दुर्गा और हनुमान जी की पूजा और व्रत से हर तरह की परेशानियां खत्म होती हैं। सुख-समृद्धि भी बढ़ती है।

पुरी के ज्योतिषाचार्य और धर्मग्रंथों के जानकार डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि इन देवी-देवताओं की आराधना से अंखड सौभाग्य, समृद्धि, दुश्मनों पर जीत, रोग, कर्ज और परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इनमें देवी पर्वती के लिए मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है। इसी दिन हनुमान जी के लिए व्रत-पूजा से दुश्मनों पर जीत और कर्ज से मुक्ति मिलती है। वहीं, देवी दुर्गा से शक्ति पाने के लिए कन्या पूजन भी किया जाता है।

देवी पार्वती के लिए मंगला गौरी व्रत
सावन महीने के दौरान हर मंगलवार को देवी पार्वती की गौरी रूप में पूजा और व्रत करने का विधान है। मंगलवार और गौरी से मिलकर ही मंगला गौरी व्रत बना है। ये व्रत हर तरह का मंगल करता है इसलिए भी ये नाम पड़ा। मंगला गौरी व्रत कुंवारी कन्याएं अच्छे पति को पाने के लिए करती हैं। शादीशुदा महिलाएं दांपत्य सुख और समृद्धि की इच्छा से ये व्रत करती हैं। मंगला गौरी व्रत के दिन तृतीया तिथि यानी तीज का संयोग होने से इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।

सावन मंगलवार को हनुमान पूजा
सावन महीने के मंगलवार को भगवान हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन विशेष पूजा करने से हर तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं। डॉ. मिश्र के मुताबिक स्कंदपुराण में बताया गया है कि सावन महीने के मंगलवार और शनिवार को रुद्र मंत्रों से हनुमानजी का अभिषेक और पूजा करनी चाहिए। हनुमान जी की पूजा करने से कर्जा खत्म होता है और दुश्मनों पर जीत मिलती है।

सावन महीने में दुर्गा पूजा
देवी भागवत और स्कंद पुराण में बताया गया है कि सावन महीने के मंगलवार को देवी दुर्गा की विशेष पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस दिन कन्या पूजन की भी परंपरा है। मंगलवार को देवी दुर्गा की पूजा से समृद्धि बढ़ती है और बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है। मंगलवार को देवी दुर्गा की आराधना के साथ व्रत करने से मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

 

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