मंगलवार, 27 अप्रैल को चैत्र मास की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। इसी तिथि पर हनुमानजी का जन्म हुआ था। हनुमानजी को देवी सीता ने अजर-अमर रहने का वरदान दिया था। हनुमानजी की पूजा से आत्मविश्वास बढ़ता है और मुसीबतों से लड़ने की शक्ति मिलती है। अभी कोरोना महामारी की वजह से हनुमानजी के मंदिर नहीं जा सकते हैं तो घर पर ही सरल स्टेप्स में भगवान की पूजा कर सकते हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार हनुमान जयंती पर सुबह 9 से 1.30 बजे तक, 3 से 4.30 बजे तक, शाम को 7.30 से 9 बजे तक शुभ समय रहेगा।
पूजा के लिए जरूरी चीजें
हनुमानजी की मूर्ति, रामदरबार की तस्वीर, मूर्ति का अभिषेक करने के लिए बड़ा बर्तन, तांबे का लोटा, स्वच्छ जल, गंगाजल, दूध, भगवान के लिए वस्त्र, आभूषण, सिंदूर, दीपक, जनेऊ, चमेली का तेल, रुई, धूपबत्ती, फूल, मौसमी फल, चावल, भोग के लिए मिठाई, नारियल, पंचामृत, मिश्री, पान, दक्षिणा आदि।
10 स्टेप्स में करें हनुमानजी की पूजा
- स्नान के बाद घर के मंदिर की सजावट और पूजा की व्यवस्था करें। सबसे पहले गणेशजी की पूजा करें।
- गणेशजी को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। जनेऊ, चावल, फूल, फल, भोग चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
- गणेश पूजन के बाद हनुमानजी की पूजा शुरू करें। हनुमानजी की मूर्ति को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें।
- आभूषण पहनाएं। हार-फूल चढ़ाएं। ऊँ रामदूताय नमः मंत्र का जाप करते हुए हनुमानजी को सिंदूर का तिलक लगाएं। धूप-दीप जलाएं।
- रामदरबार की तस्वीर में श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और हनुमानजी को तिलक लगाएं। फूल चढ़ाएं।
- भगवान को प्रसाद चढ़ाएं। फल, मिठाई, पान अर्पित करें। एक-एक करके पूजन की सभी चीजें भगवान को चढ़ाएं।
- घी या तेल का दीपक जलाएं। आरती करें। आरती के बाद परिक्रमा करें।
- हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। हनुमानजी के मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करें। पूजा के बाद भगवान से अनजानी भूल के लिए क्षमा मांगे।
- पूजा पूरी होने के बाद घर के लोगों को प्रसाद बाटें और खुद भी ग्रहण करें।
- घर के आसपास जरूरतमंद लोगों की मदद करें। अनाज और धन का दान करें। जो लोग जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं, उन्हें हनुमानजी की विशेष कृपा मिलती है।