22 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन पर्व रहेगा। ये सावन का आखिरी दिन रहेगा। इसके बाद हिंदू कैलेंडर का छठा महीना यानी भाद्रपद शुरू हो जाएगा। जो 20 सितंबर तक रहेगा। इस दिन भाद्रपद की पूर्णिमा रहेगी। ये चातुर्मास के चार पवित्र महीनों में दूसरा है। ग्रंथों में बताया गया है कि चातुर्मास के दौरान आने से इस महीने में कुछ खास नियमों का पालन करना जरूरी है। साथ ही ये भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना भी है। इसी महीने श्रीकृष्ण का जन्म हुआ है। साथ ही इस महीने कई बड़े और खास व्रत त्योहार भी आएंगे।
कज्जली तीज (25 अगस्त) : भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष की तीसरी तिथि ये व्रत किया जाता है। इस दिन देवी पार्वती की विशेष पूजा होती है। बहुला चतुर्थी (25 अगस्त) : भाद्रपद कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को बहुला चौथ व्रत होता है। संतान की रक्षा के लिए ये व्रत किया जाता है। इसमें गणेशजी की विशेष पूजा होती है।
हलषष्ठी (28 अगस्त) : कृष्णपक्ष की छठी यानी षष्ठी तिथि को बलराम जी का जन्मदिवस यानी हलषष्ठी का व्रत किया जाता है।
कृष्ण जन्माष्टमी (30 अगस्त) : इस दिन वैष्णव संप्रदाय के लोग भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं और अगले दिन शैव ये पर्व मनाते हैं।
जया एकादशी (2 सितंबर) : इस दिन भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष की एकादशी रहेगी। इसे जया और अजा एकादशी कहा जाता है।
भाद्रपद अमावस्या (6 सितंबर) : इस दिन भाद्रपद महीने की अमावस्या है। इस तिथि पर पितरों के लिए धूप-ध्यान के साथ ही श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए।
हरतालिका तीज (9 सितंबर) : इस दिन हरितालिका तीज है। इस तिथि पर शादीशुदा औरतें अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए देवी पार्वती की पूजा करती हैं।
गणेश चतुर्थी (10 सितंबर) : इस दिन भगवान गणेश का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। इसी दिन से दस दिवसीय गणेश उत्सव भी शुरू होगा और घर-घर में गणेशजी की प्रतिमा स्थापित की जाती है।
जलझूलनी एकादशी (17 सितंबर) : इस दिन को डोल ग्यारस भी कहा जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं।
अनंत चतुर्दशी (19 सितंबर) : इस दिन अनंत चतुर्दशी व्रत किया जाता है। इस पर्व पर गणेश उत्सव के समापन के साथ भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन करने की परंपरा भी है।
भाद्रपद पूर्णिमा (20 सितंबर) : ये भाद्रपद महीने का आखिरी दिन होता है। इस तिथि से ही श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाते हैं। इस दिन पूर्णिमा का श्राद्ध किया जाता है।