शिवजी की विशेष पूजा का महीना सावन इस बार 29 दिन का ही होगा। 25 जुलाई से शुरू हो रहे इस हिंदी महीने में कृष्णपक्ष की द्वितीया और शुक्लपक्ष की नवमी तिथि का क्षय हो रहा है। लेकिन कृष्णपक्ष में छठ तिथि दो दिन रहेगी। इससे कृष्णपक्ष तो पूरे 15 दिन का होगा लेकिन शुक्लपक्ष 14 दिन का ही रहेगा। हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना सावन 22 अगस्त तक चलेगा। इस बार सावन महीना रविवार से शुरू होकर रविवार को ही खत्म होगा।

सावन में चार सोमवार और दो प्रदोष व्रत
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि सावन में चार सोमवार और दो प्रदोष व्रत रहेंगे। इसके अलावा कई विशेष शुभ योग भी आएंगे। ऐसी मान्यता है कि इस माह में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है। लेकिन महामारी के संक्रमण से बचने के लिए घर पर ही भगवान शिव की पूजा की जा सकती है। डॉ. मिश्र का कहना है कि घर पर की गई पूजा का फल मंदिर में की गई पूजा के बराबर ही मिलता है। इसलिए घर में उपलब्ध चीजों से ही पूजा करनी चाहिए।

सावन महीने की पूजा-विधि
धर्म शास्त्रों के जानकार डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि सावन महीने में सुबह जल्दी उठकर नहाएं और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद ऊं नमः शिवाय मंत्र बोलते हुए गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करें। शिवलिंग पर जल-दूध चढ़ाएं। फिर फूल, बिल्वपत्र, धतूरा और अन्य चीजें चढ़ाकर आरती करें। इसके बाद नैवैद्य लगाएं। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है। पूजा-आरती के बाद शिव मंत्र का जाप भी करना चाहिए।

सावन में शिव पूजा के 8 खास दिन
पहला सोमवार: 26 जुलाई
दूसरा सोमवार: 02 अगस्त
तीसरा सोमवार: 09 अगस्त
चौथा सोमवार: 16 अगस्त
प्रदोष व्रत: सावन में 5 अगस्त व 20 अगस्त को प्रदोष व्रत रहेगा।
चतुर्दशी तिथि: 7 और 21 अगस्त

 

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