*⛅ दिनांक 31 मार्च 2022*
*⛅ दिन – गुरुवार*
*⛅ विक्रम संवत – 2078*
*⛅ शक संवत – 1943*
*⛅ अयन – उत्तरायण*
*⛅ ऋतु – वसंत*
*⛅ अमांत =17 चैत्र मास प्रविष्टि*
*⛅ राष्ट्रीय तिथि =10 चैत्र मास*
*⛅ मास – चैत्र*
*⛅ पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – चतुर्दशी दोपहर 12:22 तक तपश्चात अमावस्या*
*⛅ नक्षत्र – पूर्व भाद्रपद सुबह 10:31 तक तपश्चात उत्तर भाद्रपद*
*⛅योग – शुक्ल सुबह 11:18 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
*⛅ राहुकाल – अपरान्ह 2:08 से 03:26 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:08*
*⛅ सूर्यास्त – 06:35*
*⛅ दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅विजय मुहूर्त – अपरान्ह 2:48 से 3:37 तक*
*⛅गोधूलि मुहूर्त – शाम 6:42 से 7:06 तक*
*⛅सायह्न सन्ध्या – शाम 6:55 से रात्रि 8:04 तक*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 05:00 से 05:48 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.20 से 01:07 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण -चतुर्दशी, अमावस्या मार्च 31& 1अप्रैल*
*(31 मार्च 2022 गुरुवार को दोपहर 12:23 से 01 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 11:53 तक अमावस्या है।)*
*🌹अमावस्या के दिन ध्यान रखने की बात🌹*
*🌹1.जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महिने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है।*
*(स्कन्द पुराण, प्रभाव खं. 207.11.13)*
*🌹2.अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ” ब्रम्ह हत्या ” का पाप लगता है !* -विष्णु पुराण
*3🌹अमावस्या के दिन तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।*
*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🌹4.ज़मीन है अपनी… खेती काम करते हैं तो अमावस्या के दिन खेती का काम न करें …. न मजदूर से करवाएं |*
*🌹5. जप करें भगवत गीता का ७ वां अध्याय अमावस्या को पढ़ें …और उस पाठ का पुण्य अपने पितृ को अर्पण करें … सूर्य को अर्घ्य दें… और प्रार्थना करें ” आज जो मैंने पाठ किया …अमावस्या के दिन उसका पुण्य मेरे घर में जो गुजर गए हैं …उनको उसका पुण्य मिल जाये | ” तो उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पति बढ़ेगी |*
*🌹6.कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।*
*🌹दीक्षा में जो मन्त्र मिला है उसका खूब श्रध्दा से जप करना शुरू करें , जो भी समस्या है हल हो जायेगी ।*
– *श्री सुरेशनंदजी -12th April 08,Sagar(M.P.)*
*🔹नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए*
*🌹घर में हर अमावस्या अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*