फर्रुखाबाद : विश्व मलेरिया दिवस पर जिले में विभिन्न शिक्षण संस्थानों व सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को मलेरिया और डेंगू के बारे में जागरूक किया जायेगा। संचारी रोग के नोडल डॉ. यू सी वर्मा ने बताया कि 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को मलेरिया के बारे में जागरूक करना और इस बारे में सतर्क रहने की सलाह देना है कि वह मलेरिया की चपेट में आने से बचे रहें।
जिला मलेरिया अधिकारी के पी द्विवेदी ने बताया कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो मच्छर के काटने से होती है। इंसान को सही समय पर इलाज न मिले तो इस कारण मौत भी हो जाती है। मलेरिया मादा मच्छर के काटने के कारण होता है। एक मादा मच्छर एक बार में 300 से भी अधिक अंडे देने की क्षमता रखती है। मलेरिया फैलने के लिए जिस प्रजाति के मादा मच्छरों को जिम्मेदार माना जाता है। उनका नाम एनाफिलीज मच्छर है। बारिश के मौसम में एनाफिलीज मच्छरों का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है |

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि बदलते हुए मौसम में यदि आपको कभी भी मच्छर काटने की वजह से ऐसी शिकायत दिखे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। मलेरिया की जाँच की सुविधा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मौजूद है |

मलेरिया इंस्पेक्टर नरजीत कटियार ने बताया की 1 जनवरी 2021 से दिसम्बर 2021 तक लगभग 28,316 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए जिसमें से 155 लोग मलेरिया से और 30 लोग डेंगू से ग्रसित मिले |
साथ ही कहा कि इस वर्ष जनवरी 2022 से अब तक लगभग 12,367 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए जिसमें से 11 लोग मलेरिया से ग्रसित मिले | अभी इस वर्ष कोई भी व्यक्ति डेंगू से ग्रसित नहीं मिला है | साथ ही कहा कि अभी दस्तक अभियान चल रहा है इस दौरान लोगों को मच्छर जनित बीमारियों से किस तरह बचा जाए जागरूक किया जा रहा है ।
नरजीत ने बताया कि डेंगू से ग्रसित होने पर डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में 5 बेड का अलग से डेंगू बार्ड बना हुआ है जिसमें डेंगू से ग्रसित मरीज को भर्ती कर इलाज किया जाता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *