ज़िला अध्यक्ष ने जाहिर की अपनी ब्यथा
फर्रुखाबाद । पूरे उत्तर प्रदेश में कोविड-19 जैसी भयंकर महामारी के दौरान भी लोगों को अपनी सेवाएं देने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों इस बार चुनाव में “नोटा” प्रयोग करने हेतू बाध्य हैं।
प्रदेश में एन एच एम के लगभग एक लाख कर्मचारियों जिसमे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, चिकित्सक, पैरामेडिकल व अन्य संवर्ग के द्वारा विगत 15 वर्षों से अपनी सेवाएं स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने में दी जा रही हैं किंतु उसके पश्चात भी किसी भी राजनीतिक दल द्वारा उनके समायोजन की बात ना करने से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का प्रत्येक कर्मचारी स्वयं को छला व उपेक्षित महसूस कर रहा है।
कोविड-19 की ड्यूटी के दौरान शहीद हुए कर्मचारियों के परिवार को सरकार द्वारा घोषित 50 लाख की बीमा राशि अभी तक प्राप्त नहीं हो पाई है, इसके अलावा देश के अन्य प्रदेशों में कोविड काल के दौरान ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को एक मुश्त प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई थी किन्तु उत्तर प्रदेश में मिशन के कर्मचारियों को इससे भी वंचित रखा गया।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम कर्मचारी संघ फर्रुखाबाद के ज़िला अध्यक्ष संजय बाथम ने उक्त ब्यथा ब्यक्त करते हुय बताया की हमारे संगठन की सरकार से एक सूत्रीय मांग *समायोजन* है अन्यथा की दशा में इस बार संगठन का कर्मचारी आगामी चुनाव में इसका उत्तर *नोटा* प्रयोग कर के देगा।