बदायू: आरोह फाउंडेशन एवम एचडीएफसी बैंक द्वारा बुलंदशहर, बदायूऔरफ़िरोज़ाबादके१८ गांव में बाल श्रम के खिलाफ विश्वदिवस मनाया गया| अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, विश्वस्तर पर लगभग १५२ मिलियन बच्चे हैं जो बाल श्रम में लगे हुए हैं, जिनमें से ७२ मिलियन खतरनाक काम में हैं। दुनियाभर मेंहर दसमें से एक बच्चा बाल मजदूरी में है।जबकि २००० के बाद से बाल श्रम में बच्चों की संख्या 94 मिलियनघटगईहै, हाल के वर्षों में कमी की दर दो-तिहाई कम हो गई है।
बाल श्रम के खिलाफ विश्वदिवस के दौरान आरोह फाउंडेशन द्वारा प्रोजेक्ट गाँवो में नुक्कड़नाटक द्वारा जागरूकता कार्यक्रम किये गये | 5 से 17 आयु वर्ग के कई बच्चे ऐसे काम में लगे हुए हैं जो उन्हें सामान्य बचपन से वंचित करते हैं, जैसे कि पर्याप्तशिक्षा, उचित स्वास्थ्य देखभाल, अवकाश का समययाबुनियादी स्वतंत्रता।
आरोह फाउंडेशन ने एचडीएफसी बैंक के सहयोग से उत्तरप्रदेश के ३ जिलों में समग्र ग्रामीण विकास के साथ साथ बाल श्रम ख़तमकर ने की दिशा में भी अपना योगदान दे रही है| जिनमे प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, कौशल विकास कार्य, स्वास्थ्य एवम शिक्षा के कार्य कर रही है| इसी क्रम में आरोह फाउंडेशन महिलाओ एवम बच्चो के उत्तम भविष्य के लिए हमेशा कदमउठती रही है|
बालश्रम के खिलाफ विश्वदिवस के उपलक्ष पर डॉ. नीलमगुप्ता, (संस्थापक, आरोहफाउंडेशन) नेकहा, बाल श्रम की समस्या के खिलाफ विश्वदिवस के रूप में चिह्नित किया गया है और बाल श्रम की समस्या पर ध्यान देना है और इसे मिटाने या इसके खिलाफ लड़ने के तरीके खोजने हैं।इस दिवस का उपयोग दुनियाभर में बाल श्रम में मजबूर बच्चों द्वारा सामना की जाने वाली हानिकारक मानसिक और शारीरिक समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए किया जाता है।यह दिन लोगों को बाल श्रमकी ओर ले जाने वाले विशिष्टमुद्दों से निपटने के लिए कुशल तंत्र विकसित करने का अवसर भी देता है।