BUDAUN SHIKHAR

बदायूँ

३१ मई २०२०: आरोह फाउंडेशन एवम एच डी फ सी बैंक के सी एस आर कार्यक्रम के तहत उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर, बदायू और फ़िरोज़ाबाद जिले के १८ गावो में 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान के विषय में सचेत करना है। साथ ही, इसके नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है, जो वर्तमान में दुनिया भर में हर साल 80 लाख से अधिक मौतों का कारण बनता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य राज्यों ने 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस की शुरुआत की थी।
विश्व तंबाकू निषेद्य दिवस के मौके पर आरोह फाउंडेशन ने डिजिटल मीडिया के जरिये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। छात्र-छात्राओं ने जागरूकता नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित किया। यह भी बताया गया की धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में COVID-19 के साथ गंभीर बीमारी विकसित होने की संभावना है।
आरोह फाउंडेशन की टीम द्वारा गांव वालो को जागरूक किया गया कि तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में शरीर के किसी भी हिस्से को हानिकारक प्रभाव से नहीं बचाता. लोगों को तंबाकू मुक्त और स्वस्थ बनाने हेतु तथा सभी स्वास्थ्य खतरों से बचाने के लिये तंबाकू चबाने या धुम्रपान के द्वारा होने वाले सभी परेशानियों से बचाने के लिए गांव वालो को निवेदन किया गया.
तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष्य पर डॉ. नीलम गुप्ता, (संस्थापक, आरोह फाउंडेशन) ने तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी देते हुए अपने, परिवार व समाज हित के लिए तंबाकू का इस्तेमाल करना छोड़ने की अपील की और बताया कि किस तरह तंबाकू के इस्तेमाल से व्यक्ति के स्वास्थ्य, आर्थिक, परिवार व सामाजिक हितों पर बुरा असर पड़ता है।

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