BUDAUN SHIKHAR
बदायूँ
रिपोर्ट आसिम अली
सहसवान (बदायूँ)– बुधबार को ईद उल फितर के अवसर पर नगर व देहात क्षेत्रो की ईद गाहों व मस्जिदों में नमाज अदा की गई। इस अवसर पर मुल्क की तरक्की और देश में अमन चैन की दुआएं भी की गई। बच्चे, बुजुर्ग और नौजवान हर किसी के चेहरे पर आपसी प्रेम भाई चारे व सौहार्द के प्रतीक इस त्यौहार की ख़ुशी देखने लायक थी।
*सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा*
इस दौरान नमाजियों ने मुल्क में अमन चैन और तरक्की की दुआ मांगी तथा अल्लाह द्वारा बताए हुए मार्ग पर चलने की शक्ति की दुआ की। नमाज़ की सुरक्षा में भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। नमाज के बाद सभी ने एक दूसरे को गले मिलकर बधाईयां दी। ईद का त्योहार प्यार और मुहब्बत का पैगाम देता है। इस मौके पर लोग एक-दूसरे की खुशी में शरीक होते हैं। इस त्योहार को मनाने वाले अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों को ईदी और जकात देने की परंपरा का भी निर्वहन करते हैं।
*सभी ने देश में अमन-चैन की प्रार्थना की*
बुधबार को इन्हीं बातों का खयाल रखते हुए लोगों ने ईद मनाई। हर तरफ उल्लास और उत्साह का माहौल रहा। ईदगाहों व मस्जिदों में हजारों लोगों ने नमाज अदा कर मुल्क की बेहतरी और अमन-चैन के लिए अल्लाह से दुआ मांगी। सुबह आठ बजे से नगर व देहात क्षेत्रो की ईदगाहों व मस्जिदो में नमाज अदा करने का सिलसिला शुरू हुआ। वही नगर की मुख्य ईदगाह में सुबह साढ़े आठ बजे से नमाज अता की गई। सभी ने अपनी-अपनी हैसियत के अनुसार गरीबों को दान दिया। इस मौके पर उन्हाेंने भाईचारे का संदेश दिया। कहा कि इंसानियत से पेश आना इंसान के लिए सबसे बड़ी बात है। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे से गले लगाकर ईद की बधाइयां दीं गईं।
*नमाज के बाद चला मेजबानी का दौर*
ईद के मौके पर घरों में सेवईयां और विभिन्न पकवान बनाए गए थे। ईदुल फित्र की नमाज अदा करने के बाद लोगों ने घरों में एक दूसरे का सेवईयां खिलाकर मुंह मीठा कराया। पड़ोसियों, दोस्तों, रिश्तेदारों आदि को घर में सेवाईयां और दूसरे व्यंजन खिलाकर मेजबानी का मुजाहिरा किया। वहीं गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करते हुए हिंदू समुदाय के लोग भी ईद की बधाई देने मुस्लिम दोस्तों और संबंधितों के घर पहुंचे। यहां भी कई तरह की सेवईयां और पकवान सभी के सामने परोसे गए।
*खिलौनों के लिए मचल उठे बच्चे*
ईदगाह के बाहर ही बच्चों के खिलौने व खाने पीने की दुकानें सजी हुई थीं। रंग-बिरंगे कपड़े पहने और टोपी-चश्मा लगाए बच्चे अपने परिजनों के साथ मनपसंद चीजों के लिए मचलते नजर आए। किसी को बैट्री वाली कार पसंद आई तो किसी को किचेन सेट। कोई हेलीकाॅप्टर के लिए जिद कर रहा था तो कोई खिलौना मोबाइल के लिए। अभिभावकों ने भी ईद के दिन बच्चों का बिना दिल तोड़े उनकी हर फरमाइश पूरी की।