बदायूँ : कारागार में कारागार अधीक्षक डा विनय दुवे के आग्रह पर जेल में कथा वाचक रामजी द्विवेदी ने पहुंच कर कैदियों का अपने उद्बोधन से मन मोह लिया।

राम जी द्विवेदी ने कहा कि सामने किसी न किसी अपराध की सजा काटने वाले कैदी श्रोता के रूप में बैठे हुए हैं, उन्होंने कहा जेल में बंद कैदी मेरे प्रवचन के माध्यम से अपने पापों का प्रायश्चित करेंगे. इन कैदियों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक प्रयास किया गया है ताकि आगे चलकर यह कैदी भी समाज का हिस्सा बन सकें । समाज का हिस्सा है कैदी । कैदी जेल में किसी न किसी अपराध की सजा काट रहे हैं । वो भी समाज का महत्वपूर्ण अंग हैं ,उन्होंने जाने अनजाने में अपराध की दुनिया में कदम रखा, लेकिन इन्हें भी एक सुधरने का मौका मिलना चाहिए जब यह कैदी यहां से सजा काटकर अपने घर वापस जाएं तो यह भी मुख्यधारा में लौट कर समाज का हिस्सा बनेंगे, इसलिए इनके लिये भी ऐसे आयोजन जरूरी है. जेल में कैदी बाहरी दुनिया से बिल्कुल कटे रहते हैं. जेल के अंदर ऐसे धार्मिक आयोजन इन कैदियों की मानसिक सोच में भी सकारात्मक बदलाव लाएंगे । बंदियों की मानसिक शांति आपसी सौहार्द के लिए यह आयोजन किया गया। जिस बंदी ने आवेश में आकर अपराध कर दिया है और जेल में है, यह सजा काटकर जब समाज में जाएं, इन्होंने ज्ञान प्राप्त किया है उसका संदेश समाज को दें और दोबारा अपराध की गलियों में न भटके।
इस अवसर पर कारागार अधीक्षक डा. विनय दुवे, जेलर रणंजय सिंह, रामबहादुर पाण्डेय, वाचस्पति शंखधार, पंकज शर्मा , राजेश शर्मा उपस्थित रहे ।

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