बदायूँ शिखर
बदायूँ: जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने ग्राम सरकी नगला में हो रही काले चावल की खेती को देखा। कृषक राजेश्वर सिंह ने बताया कि काले चावल की पैदावार 3-4 कुंतल प्रति बीघा होती है। काले चावल की मांग लगातार बढ़ रही है। पारंपरिक सफेद चावल के मुकाबले काले चावल को सेहत के लिए ज्यादा बेहतर माना जाता है। वहीं यह किसानों के लिए भी बहुत लाभकारी है। हालांकि आम चावल की तरह इसकी पैदावार कम होती है लेकिन कीमत भी अच्छी मिलती है। इस चावल की सबसे खास बात है कि इसे मधुमेह रोगी भी खा सकते हैं। मेडिकली इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। काला चावल एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो हमारे शरीर की रक्षा करता है। आम सफेद चावल के मुकाबले इसमें ज्यादा विटामिन बी और ई के साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक की मात्रा भी ज्यादा होती है। इस लिहाज से इसकी खेती से किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। काला गेहूँ सामान्य गेहूं के मुकाबले न सिर्फ कई गुना महंगा बिकता है बल्कि इसमें कैंसर और डायबिटीज समेत कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। शुरू में इसकी बालियां भी आम गेहूं जैसी हरी होती हैं, पकने पर दानों का रंग काला हो जाता है।