बदायूँ। समाज सेवी संस्थान आरोह फाउंडेशन ने एचडीएफसी बैंक के निगमित सामाजिक कार्य द्वारा संचालित प्रोजेक्ट ‘परिवर्तन’ के अंतर्गत किसान दिवस के अवसर पर बदायूँ एवं बुलंदशहर के गरीब किसानों में वितरण किया मुफ्त मशरूम खाद बैग एवं नयी कृषि तकनीक का ।
23 दिस
म्बर को आयोजित प्रशिक्षण एवं वितरण कार्यक्रम के तहत एचडीएफसी के अधिकारी प्रमोद जी, सुमित पाण्डेय जी, देशपाल जी, लखनपुर के प्रधान-सतेन्द्र सिंह जी और आरोह फाउंडेशन के प्रशिक्षक-प्रेम कुमार ने किसानों को खेती की नई तकनीकों से परिचित कराया एवं किसानों को विस्तार से इन तकनीक के माध्यम से कम लागत से ज्यादा मुनाफा और उपज की गुणवत्ता में सुधार के प्रति प्रशिक्षण प्रदान किया। साथ ही गावों की २०० महिलाओं को मशरूम खाद बैग वितरणकर उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करवाई।
एच
डीएफसी बैंक के सहयोग से आरोह फाउंडेशन ने समग्र विकास कार्यक्रम ‘परिवर्तन’ के तहत विगत कई वर्षों से उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद, बदायूँ और बुलंदशहर के 18 गाँवों में विकास के नये आयाम बुन रही हैं और विकास कार्यों में सतत प्रयासरत है। इन कायों में सूक्ष्म, लघु और जरूरतमंद किसानों और महिलाओं को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने का लाक्ष्य सर्वप्रथम है। प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘किसानो की दोहरी आमदनी’ के सपने को साकार करने हेतु जल, झील, तकनीक, प्रशिक्षण आदि के अनेक कार्य किये जा रहे हैं। आरोह फाउंडेशन ने गत २० वर्षों में शिक्षा, कौशल विकास एवं आजीविका वृद्धि, जल एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं सामाजिक उत्थान गतिविधियों के माध्यम से देश के 18 राज्यो में लगभग 10 लाख जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। लोगों के जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने के अलावा, आरोह फाउंडेशन संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए भी निरंतर कार्य करती है।
कार्यक्रम के अंत में उत्साहित किसानों और महिलाओं ने ट्रेनिंग की सराहना की। किसान एवं महिला लाभार्थियों ने फार्मर ट्रेनिंग और मशरूम खाद बैग वितरण को एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रयास बताते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यकमो को निष्पादित करने की जरूरत पर जोर दिया। बदायूँ और बुलंदशहर के गावों के किसानों और मलिहाओं ने भविष्य में कार्यक्रम के दौरान सीखी गयी तकनीकों को अपनाने और उपयोग में लाने की बात की। कार्यक्रम के लाभार्थियों ने भारत के विकास एवं निर्माण में योगदान का संकल्प भी लिया।
