BUDAUN SHIKHAR

सहसवान–

रिपोर्ट -आसिम अली

किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनवाने के लिए बैंक का चक्कर काटते काटते किसानों की चप्पलें घिस जा रही हैं लेकिन अधिकारियों द्वारा औपचारिकता के नाम पर टाल मटोल किया जा रहा है। जिससे किसानों में रोष है। सरकार का भी स्पष्ट निर्देश है कि बैंक किसानों को कृषि ऋण देने में कोताही नहीं बरतें। लेकिन किसान मजबूरन खाद बीज की खरीद के लिए किसान बाजार से महंगे दर पर कर्ज ले रहे है । जिसका ब्याज इतना अधिक हो जाता था कि किसानों के लिए अदायगी मुश्किल हो जाती थी। ऐसे ही मामलों में कई बार किसानों को आत्महत्या तक करनी पड़ी। यही कारण है कि निजी सूदखोरों से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार द्वारा केसीसी योजना संचालित की गयी । हालांकि बैंक अधिकारियों के टालू रवैये से किसान हलकान हो रहे हैं। किसानों का आरोप है कि बैंक अधिकारी एक ही बार में जानकारी देने में आनाकानी करते हैं।
औपचारिकता के नाम पर किसानों को बार बार दौड़ाया जा रहा है। नतीजतन वह थक हार कर किसान दलालों को माध्यम बनाने को विवश हैं दलाल अपना कमीशन लेकर किसानों की केसीसी बनबाकर रातोरात मालामाल हो रहे है । इससे किसानों का आर्थिक शोषण हो रहा है इस संबंध में किसानों का कहना है कि पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ इंडिया, सर्व यूपी ग्रामीण बैंक ,भारतीय स्टेट बैंक सहित आदि बैंक से किसान केसीसी से महरूम है संबंधित बैंक शाखाओ में कृषि लोन के आवेदन लंबित है।

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