BUDAUN SHIKHAR
बदायूँ
आज दिनांक 05/05/20 को कोरोना वायरस के चलते देश में जारी लॉकडाउन की वजह से आर्थिक संकट पैदा हो गया है. बही दूसरी तरफ बहुत सी कंपनियां कोरोना लॉक डाउन के बीच कर्मचारियों से करा रही है टारगेट पूरे। जहाँ लोग खर्च कम करने के तरीके तलाश रहे हैं. वही इसी बीच ये कंपनियां इन्सुरेंस, loan किस्तें, नये बहीखाते आदि के लिए अपने कर्मचारियों को इन सब का टारगेट पूरा करने के लिए बना रही है प्रेसर। कर्मचारी को कोरोना स्तिथि के साथ मानशिक तनाव भी मिल रहा है। मासिक वेतन रोकने,कर्मचारियों
को नौकरी से निकलने की दी जा रही है धमकी।
प्राइवेट बैंक और कम्पनी में काम करने वाले कर्मचारियों पर बनाया जा रहा टारगेट पूरा करने का दबाब, काम करने वाले कर्मचारियों में मानसिक तनाव बहुत ज्यादा है।एक तरफ तो पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिये सरकार के साथ नजर आ रहा है तो दूसरी तरफ प्राइवेट बैंको को अपना बिज़नेस बढ़ाने की बात सूझ रही है।
एक ऐसे ही प्राइवेट बैंक के कर्मचारी से बात करने के दौरान पता चला
ऐसे कर्मचारी जो प्राइवेट बैंक में काम करते है उनपर टारगेट पूरा करने का दबाब बैंक के सीनियर अधिकारियों की ओर से बनाया जा रहा है। इन दिनों जैसे हालात चल रहे है उनको लेकर किसे भी ग्रहक से किसी भी प्रकार से रूपए निकलवाना बहुत है कठिन है।
द्वारा बनाये गए नियम में पैसे का लेनदेन, इसी के मुताबिक कर्मचारियों को बुलाया भी जा रहा है ।
बैंक अपने कर्मचारियों से उनके काम के अतिरिक्त औऱ काम जैसे हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी, लाईफ इंश्योरेंस एकाउंट खुलवाने का काम भी जोरोशोरो पर करवा रहा है।
सवाल ये है की क्या बैंक के सीनियर अधिकारियों को मौजूदा हालात के बारे में जानकारी नहीँ या वह सरकार के आदेशों का पालन नहीँ करना चाहते. वजह चाहे कोई भी हो प्राइवेट कंपनी और बैंको में काम करने वालो लोगो के सामने यह चुनोतियोपूर्ण समय है, कर्मचारियों से बात करने से पता चला की उनकी नौकरी दाव पे है
राजा सक्सेना
एच डी बी बदायूं
सेल्स ऑफिसर