फर्रुखाबाद. 18 सितम्बर 2022

पांच साल से कम उम्र के बच्चो को पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं डीएम

जिले के लगभग 2.81 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य

पल्स पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार है । इसके प्रति मिथक और भ्रांतियों के कारण पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो सका, जबकि भारत में पोलियो उन्मूलन संभव हो गया । चूंकि पड़ोसी देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं, इसलिए एहतियातन भारत के भी हर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चे को पोलियो से पूर्ण प्रतिरक्षित किया जाना अनिवार्य है । इसलिए प्रत्येक अभिभावक का दायित्व है कि वह अपने पाल्यों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं। उक्त बातें जिलाधिकारी संजय सिंह ने राष्ट्रीय सूचना कार्यालय फतेहगढ़ से पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ करते हुए कहीं । उन्होंने बताया कि 19 से 23 सितंबर तक घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम पोलियो की दवा पिलाएंगी ।

जिलाधिकारी ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ से समस्त उप जिलाधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, जिला पूर्ति अधिकारी, नगर निकायों से संबंधित अधिकारियों और जिला पंचायती राज अधिकारी को पत्र भेजे गये हैं। आईसीडीएस विभाग से कहा गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों को केंद्र पर दवा पिलवाएं, जबकि तीन वर्ष से कम आयु के बच्चों के माताओं को प्रेरित कर दवा पिलाई जाए। राजस्व विभाग, आपूर्ति विभाग, पंचायती राज विभाग और नगर निकाय से जुड़े लोगों से इंकारी परिवारों को प्रेरित कर उनके बच्चों को पोलियों की दवा पिलवाने को कहा गया है ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी अवनींद्र कुमार ने बताया कि पोलियो का टीका नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल है । पल्स पोलियो का ड्रॉप जन्म के समय ही दिया जाता है। इसके अलावा छह, दस और चौदह सप्ताह पर भी यह ड्रॉप पिलाया जाता है । इसकी बूस्टर खुराक सोलह से चौबीस महीने की आयु में भी दी जाती है । भारत सरकार के नेशनल हेल्थ पोर्टल पर 23 अक्टूबर 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक पोलियो के दो सौ संक्रमणों में से एक संक्रमण अपरिवर्तनीय पक्षाघात (आमतौर पर पैरों में) में बदल जाता है। ऐसे पक्षाघात पीड़ित में से पांच से दस फीसदी की मौत हो जाती है । ऐसे में इस जटिल बीमारी के प्रति संपूर्ण प्रतिरक्षण अति आवश्यक है ।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रभात वर्मा ने बताया कि जिले में रविवार को आयोजित बूथ दिवस पर 911 बूथों पर पोलियो की दवा पिलाई गई।

उद्घाटन अवसर पर डीपीएम कंचन बाला, सिविल अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ आरिफ़ सिद्दीकी, आईओ विजय शंकर तिवारी, यूनिसेफ से डीएमसी अनुराग दीक्षित, बीएमसी सल्तनत, संजय बाथम, भाजपा जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता, एएनएम,आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के प्रतिनिधि मौजूद रहे ।

 

 

खड़ियाई निवासी पंकज शुक्ल कहना है कि मुझे सरकारी टीकों में पूर्ण विश्वास है। मेरी बेटी अभी सात माह की है मैंने उसको सभी टीके लगवाए और जब भी पोलियो दिवस आया उस पर उसको पोलियो की खुराक पिलवाई l

खड़ियाई निवासी अनुज दुबे का कहना है कि मेरा बेटा अभी एक वर्ष का होने को है पोलियो दिवस होने पर उसको पोलियो की सभी ड्रॉप पिलवाई है और सभी प्रकार के टीके सरकारी टीकाकरण केंद्र से ही लगवाए हैं। मेरा बेटा स्वस्थ हैं । पोलियो के ड्रॉप के कारण कभी भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा। टीका लगने के बाद बुखार आता है जो सामान्य प्रभाव है। बच्चों को बुखार की दवा दी जाती है और वह ठीक हो जाते हैं। सभी लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलानी चाहिए और नियमित टीकाकरण भी कराना चाहिए।

अभियान: एक नजर में

लक्षित मकान-350775

लक्षित लाभार्थी बच्चे- 281226

पर्यवेक्षक-184

गृह भ्रमण टीम-687

ट्रांजिट टीम-37

मोबाइल टीम-15

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