लंबित मांगों के पूरा होने तक संघर्ष रहेगा जारी- संजीव शर्मा
बदायूँ शिखर प्रतिनिधि
बदायूँ : आज जनपद के हजारों शिक्षकों-कर्मचारियों ने कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के बैनर तले जिला अध्यक्ष संजीव शर्मा एवं जिला संयोजक सरोज यादव के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली एवं अन्य लंबित मांगों को लेकर मालवीय अध्यापक आवास गृह में धरना पर बैठकर शासन की दमनकारी नीतियों के प्रति रोष प्रकट किया।
शिक्षकों एवं कर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान सरकार शिक्षकों एवं कर्मचारियों की विभिन्न जायज मांगों के प्रति संवेदनहीन है उनका आर्थिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है।धरने की अध्यक्षता कर रहे मंच के संरक्षक पी0पी0 पांडे ने कहा कि सरकार की नीतियां में फैसले कर्मचारी और शिक्षक विरोधी हैं वरना काल में सरकार का रवैया दमनकारी रहा कर्मचारियों शिक्षकों की आवाज को दबाने के लिए सरकार ने ऐसमा लगाया जाता है।
प्रांतीय प्रचार मंत्री एवं जिला अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि पिछले साढे चार वर्षों से सरकार ने पेंशन बहाली, शिक्षामित्र-अनुदेशकों के स्थायीकरण व वेतन विसंगतियां दूर करने जैसे मामलों के लिए समिति गठित की लेकिन इन पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है उन्होंने कहा कि जब तक का मांगों पर सरकार निर्णय नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
अरविन्द दीक्षित ने कहा कि लंबित मांगों को पूरा कराने के लिए प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर जिले में 14 सितंबर को ब्लॉक स्तरीय धरना किया गया एवं 5 अक्टूबर को बाइक रैली निकाली गई। लेकिन विडंबना का विषय है कि शासन द्वारा कोई समाधान नही किया। यदि शासन का शिक्षक कर्मचारी के प्रति यही रवैया रहा तो 2022 में जवाब देने के लिए प्रदेश के शिक्षक व कर्मचारी तैयार हैं।
अमीन संघ के अध्यक्ष राजवीर सिंह ने कहा कि शासन में बैठे जो लो एनपीएस को अच्छा बनाते हैं तो वे स्वयं एन0पी0एस0 क्Bयों नहीं लेते। उन्होंने कहा कि आज आवश्यक है कि हम सभी एक मंच के बैनर तले अपनी मांगों के लिए संघर्ष करें।
अशोक यादव ने कहा कि अपनी लंबित मांगों के लिए हमें अंतिम सांस तक लड़ना है।
राष्ट्रीय पेंशन अधिकार आंदोलन के प्रवक्ता अनिल यादव ने कहा कि एनपीएस का पैसा शेयर मार्केट में लगाने से सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित नहीं किया जा सकता। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समान कार्य समान वेतन के आदेश को राज्य सरकार द्वारा अवहेलना किए जाने पर नाराजगी जताई।माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिला मंत्री राजीव गुप्ता ने कहां की बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों पर काम का बहुत जोर है शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
सुरेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि शासन शिक्षकों और कर्मचारियों के द्वेष भाव से कार्य कर रहा है।
मिनिस्ट्रियल संघ के जय भारत ने कहा कि कर्मचारियों की बहुत सी मांगे शासन स्तर पर लम्बित है। इनका निराकरण इसी सरकार से कराएंगे।
संतोष शर्मा ने कहा कि शिक्षक कर्मचारियों के इस आंदोलन को दबाने के लिए सरकार हर प्रयास करेगी लेकिन हमें अपनी मांगे पूरी होने तक लड़ाई लड़नी है।
लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष भोजराज सिंह यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है इसे हम भीख में नहीं मांग रहे हैं। जो सरकार पुरानी पेंशन देगी वही शासन करेगी। भीम चंद सागर ने कहा कि कर्मचारियों की प्रोन्नति उनका ग्रेड पे एवं अन्य भत्तों पर सरकार से निर्णय काफी समय से लंबित है।दामोदर सिंह यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने जब जब आंदोलन किया है तब तब सरकार को मांगे पूरी करनी पड़ी है लेकिन शर्त है कि सभी एकजुट होकर लड़े।मध्याहन भोजन रसोईया कर्मी एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मृदुलेश यादव ने कहा कि सभी शिक्षक संवर्ग एवं कर्मचारी वर्ग में विद्यालय में नौनिहालों को भोजन कराने वाली माताओं को सबसे कम मानदेय दिया जाता है और वह मानदेय 8 महीने से नहीं मिल रहा। उन्होंने साथी हाथ बढ़ाए जा संगीत के माध्यम से उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा का रसोइयों की मांग अपने मांग पत्र में शामिल करने के लिए आभार व्यक्त किया। नरेंद्र कुमार ने सुंदर काव्य पाठ के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की।
शिक्षा मित्र संघ के जिला अध्यक्ष अमित शर्मा ने शिक्षामित्रों के स्थायीकरण की बात कही।
अनुदेशक संघ के प्रतीक दुबे ने अनुदेशकों को स्थाई करने की मांग की।
जिला कोषाध्यक्ष सुशील चौधरी ने प्राथमिक शिक्षक संघ का इतिहास बताते हुए नवनियुक्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अपने अधिकारों के लिए किए जाने वाले आंदोलनों में शत प्रतिशत सहभागिता का आह्वान किया।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष रवि कुमार ने कहा कि आज शिक्षक और कर्मचारी एकजुट है। यह एकजुटता इसी प्रकार बनी रहेगी तो सरकार को हमारी मांगे माननी ही होगी।
जिला मंत्री उदयवीर सिंह यादव ने कहा कि राष्ट्र निर्माताओं की मांगों के प्रति संवेदनहीनता खेद का विषय है।डिप्लोमा इंजीनियर संघ के अध्यक्ष व मंच के महासचिव आर0एन0 यादव ने कहा कि आक्रोशित कर्मचारी-शिक्षको की एकजुटता जो चाहे सो परिवर्तन कर सकती है। आवश्यक है कि शासन स्तर पर संज्ञान लेकर निराकरण किया जाना आवश्यक है।
माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष देशराज सिंह यादव ने कहा कि शिक्षको एवं कर्मचारियों के प्रति ये तानाशाही व्यवहार क्षमा योग्य नही है।
धरने का समापन सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार एवं एस0पी0सिटी प्रवीण चौहान को माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित ज्ञापन देकर एवं जिले की रसोईयाओ को 8 माह से वेतन न मिलने की बात संज्ञान में लायी गयी।
सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा रसोईया का वेतन अति शीघ्र जारी करने का आश्वासन दिया गया।
जिला अध्यक्ष संजीव शर्मा द्वारा धरने में शामिल होने वाले समस्त शिक्षक कर्मचारी अधिकारी एवं पेंशनर्स का आभार व्यक्त किया और मांगे पूरी ना होने पर आगामी 30 नवंबर को इको गार्डन लखनऊ में होने वाली महारैली में सभी को प्रतिभाग करने का प्रण दिलाया गया।
मुख्य मांगे
मंच के मांग पत्र में बेसिक, माध्यमिक, संस्कृत एवं उच्च शिक्षण विद्यालयों के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, शिक्षामित्र, अनुदेशक, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, रसोईयां के साथ-साथ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से सम्बद्ध विभिन्न विभागों कलेक्ट्रेट, ट्रेजरी, डाक एवं तार, उ0प्र0पु0, पी0डब्ल्यू0डी0, विकास विभाग, डायट, वन विभाग, बिजली विभाग, बी0एस0ए0 कार्यालय, डी0आई0ओ0एस0 कार्यालय, आयकर विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवहन विभाग, पंचायती राज, कृषि विभाग, सिचाई, नलकूप, राजस्व, आबकारी विभाग, खाद्य विभाग आदि के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली एवं अन्य लम्बित माँगो के समर्थन में बाईक पर स्टीकर्स एवं हाथ में पट्टिकाएं लेकर नारे लगाए।
जहां 1 अप्रेल 2005 से लागू नई पेंशन व्यस्था को एक धोखा करार देते हए पुरानी पेंशन बहाली हेतु नारे- “पेंशन कोई भीख नही यह अधिकार हमारा है।”
“हमको नई पेंशन तुम्हे पुरानी पेंशन नही चलेगी।”
लगाए गए।वही दूसरी ओर कैशलेश चिकित्सा सुविधा समस्त कार्मिकों, शिक्षको एवं पेंशनर्स पर लागू कराने की मांग उठाई। रैली के दौरान शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, विशेष शिक्षकों, के0जी0बी0वी0 शिक्षकों को नियमित कर पूर्ण वेतनमान देने की गुहार भी लगाई गई।आंगनबाड़ी कार्यकत्री को 15 हजार व सहायिका को 10 हजार तो विद्यालयो में कार्यरत रसोईयों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने की मांग मुख्य रही।
जिला पंचायत, बेसिक शिक्षा परिषद, डीआरडीए के कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी घोषित करने की मांग भी उठी।राज्य सरकार द्वारा निरस्त किए गए भत्तों को पुनः बहाल करने।
जूनियर इंजीनियर का प्रारंभिक वेतनमान पी0बी02 रू0 9300-34800 ग्रेड पे 4800 करने, उनके लिए ए0सी0पी0 व्यवस्था लागू करने की मांग की।
लेखपाल-राजस्व लेखपाल का पदनाम उप राजस्व निरीक्षक कर प्रारम्भिक वेतन ग्रेड पे 2800 लेवल 5 करने की मांग करते दिखे।पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों ने ग्राम पंचायत सफाई कर्मचारियों को प्रधानों के शोषण से मुक्त करने व प्रोन्नति के अवसर देने की मांग की। ग्राम विकास अधिकारियों को न्यूनतम ग्रेड वेतन 2800 की मांग की।
आशा बहुओं को पदोन्नति ए0एन0एम0 पद पर किए जाने की भी मांग की गई।सिंचाई विभाग में कार्यरत शीशपाल व नलकूप चालक को ग्रेड पर रुपए 2800 करने के साथ-साथ अंशकालीन नलकूप चालक से विनियमित किए गए नलकूप चालकों को विभाग में पूर्व में की गई सेवा भी को जोड़कर पूर्व वेतन पाने की तिथि से जोड़कर पेंशन सहित सेवानिवृत्ति लाभ देने की मांग उठी।बेसिक विद्यालयों में संविलियन निरस्त करने प्रधानाध्यापक के पद पर लंबित पदोन्नति पूर्ण करने के साथ ही अंतर्जनपदीय एवं जनपद के स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई।
ऑनलाइन कार्य के नाम पर शिक्षकों एवं कर्मचारियों का शोषण बंद करने, 17140-18150 वेतन विसंगति दूर करने। शिक्षकों की सामूहिक बीमा की धनराशि 10 लाख करने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2021 वापस लेने मृतक शिक्षकों के प्रशिक्षित आश्रितों को टीईटी से मुक्ति देकर शिक्षक बनाने इंटरमीडिएट उत्तीर्ण आश्रित को लिपिक के अधिसंख्य पद पर नियुक्ति देने की मांग की। इसके साथ ही मृतक शिक्षामित्र अनुदेशक एवं विशेष शिक्षक के आश्रितों को भी नौकरी देने की मांग की।कलेक्ट्रेट को विशेष प्रतिष्ठा प्रदान करने संबंधी राजस्व परिषद के पत्र को शासनादेश निर्गत करने की भी मांग उठी। कलेक्ट्रेट के लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति का 10% कोटा देने।चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय लिपिकीय संवर्ग की सेवा नियमावली 1994 को यथावत बनाये रखने। विभिन्न संभागों के हजारों रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति करने। निजीकरण, आउटसोर्सिंग, ठेकेदारी व्यवस्था को पूर्णता समाप्त करने की मांग की गई।धरने का संचालन राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक अनुज शर्मा द्वारा किया गया ,अध्यक्षता-संरक्षक प्रेम प्रकाश पांडे द्वारा की गई।
