जिला संवाददाता
विजय कुमार वर्मा
कादरचौक (बदायूँ ) ध्वज पताका या झंडा यश कीर्ति और पराक्रम का प्रतीक होता है। उसके वेग से नकारात्मक उर्जा दूर हो जाती है। ध्वज का सनातन धर्म में विशेष महत्व व आस्था है। देव स्थल के ध्वज की छत्र-छाया में किए गए कार्य सकुशल संपन्न होते हैं। मिनी कुंभ मेला ककोड़ा के लिए सदियों से ककोड़ा देवी के मंदिर से मेला स्थल पर ध्वज स्थापना की जाती रही है। शुभारंभ से समापन तक मेला स्थल पर देवी की झंडी लहराती रहती है। मां गंगा और ककोड़ा देवी की कृपा से मेला संपन्न होता है। जिला पंचायत उच्चाधिकारियों के निर्देश पर शुक्रवार को जिला पंचायत के अधिकारी ने मेला स्थल पर पहुंचकर विधिविधान से मेला स्थल से झंडी को ले जाकर देवी के मंदिर पर स्थापित किया। इसके साथ ही मिनी कुंभ मेला ककोड़ा का समापन हो गया। अगले वर्ष पुन: गंगा मैया और ककोड़ा देवी से मेला की कामना की।
