बदायूँ। आज शनिवार को दुर्गा मंदिर के प्रांगण में श्री गणेश जन्मोत्सव के उपलक्ष में सभी भक्तों के साथ द्वितीय दिवस में गणेश जी की पूजा अर्चना की गई एवं बिशेष आरती की गई। गणेश चतुर्थी के अवसर आचार्य त्रिलोक कृष्ण मुरारी ने गणेश चतुर्थी का इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि
भगवान शिव और मां पार्वती के पुत्र गणेश के जन्मदिन के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. कुछ इतिहासकारों की मानें तो महाराष्ट्र में सातवाहन, राष्ट्रकूट, चालुक्य राजाओं ने गणेशोत्सव की प्रथा की शुरुआत की थी ।
छत्रपति शिवाजी महाराज गणेशजी की उपासना करते थे और उन्हें उन्होंने अपनी संस्कृति और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए ये पर्व मनाना शुरू किया. वहीं शिवाजी महाराजा के बाद पेशवा राजाओं ने गणेशोत्सव को बढ़ावा दिया।
दुर्गा मंदिर प्रबंध समिति के सचिव पुनीत कुमार कश्यप एडवोकेट ने कहा कि लोगों को करोनो महामारी को ध्यान में रखते हुए एवं शासन की गाइडलाइंस के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया चाहिए और प्रार्थना करे इस महामारी से हमारा देश पूणता मुक्त हो। इस विसर्जन पर इस महामारी का भी विसर्जन हो।
इस मौके पर शो, सुदेश यादव, बिश्बनाथ मौर्य एडवोकेट, योगेन्द्र सागर, शंकर लाल, अरबिन्द दिवाकर, जुगेन्द्र पांडे, शिव कुमार यादव, आदि भक्त गण उपस्थित रहे ।
