जिला सम्वाददाता
बदायूँ : पूर्व विधायक योगेंद्र सागर को विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट ने आज शनिवार को बदायूँ जनपद के चर्चित ज्योति शर्मा अपरहण व दुष्कर्म में न्यायालय ने दोषी करार दिया है ज्योति शर्मा कांड में पूर्व विधायक योगेंद्र सागर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही तीस हजार का अर्थदंड भी मिला है अन्य आरोपी तेजेन्द्र सागर व मीनू शर्मा को पूर्व में ही उम्र कैद की सजा काट रहे है।
ज्ञात हो कि बिल्सी के बीए की छात्रा का 23 अप्रैल 2008 को अपहरण हो गया था। उसके पिता ने तेजेंद्र सागर व मीनू शर्मा के विरूद्ध बिल्सी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ज्योति को बड़े ही नाटकीय ढंग से बिल्सी पुलिस ने बरामद कर लिया था। उसको बदायूं अदालत में पेश कर नारी निकेतन भेज दिया गया। ज्योति को एसीजेएम द्वितीय रमा शंकर सिंह की अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने ज्योति के बालिग होने के कारण उसे आजाद कर दिया था। बसपा की प्रदेश में उस वक्त सरकार थी। इसलिए बिल्सी पुलिस से विवेचना लेकर सीबीसीआइडी को दे दी गई। उसने उक्त मुकदमे में एफआर लगा दी थी। तब ज्योति के पिता ने कोर्ट में प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र दिया। जिसके समर्थन में ज्योति, उसके पिता, गवाह पीसी शर्मा आदि के बयान दर्ज किए गए। ज्योति ने अपने बयानों में पूर्व विधायक योगेंद्र सागर, तेजेंद्र सागर, मीनू शर्मा पर अपहरण करने और लखनऊ व दिल्ली ले जाकर नशा देकर सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। जिस पर तत्कालीन एसीजेएम द्वितीय राजवीर सिंह ने पूर्व विधायक योगेंद्र सागर, तेजेंद्र सागर, मीनू शर्मा को कोर्ट में तबल करने का आदेश दिया। तेजेंद्र सागर व मीनू शर्मा कई वर्ष से जेल में हैं। हाईकोर्ट के दिशा निर्देश पर अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष तीन रीता कौशिक सुनवाई कर रही है। लंबे अरसे से उक्त अपहरण व गैंगरेप के मामले में सुनवाई चल रही थी। आखिर मंगलवार को न्यायाधीश रीता कौशिक ने ज्योति के अपहरण व उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के लिए दोषी मानते हुए उन्हें कस्टडी में लेने का हुक्म दिया था।
सजा की खबर सुनते ही समर्थकों में मायूसी छाई हुई है वही ज्योति शर्मा के परिजन बेहद खुश हैं।