- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ० ओ.पी सिंह के निर्देशन में सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में पुलिस रही तैनात
- प्रातः काल 4:00 बजे से मुस्तैदी से ड्यूटी कर अपने कर्तव्य का पालन करती दिखी ,थानाध्यक्ष रेनू सिंह व उनकी पुलिस टीम
- माघ पूर्णिमा के दिन आस्था की डुबकी लगाते दिखे, हजारों श्रद्धालु
संवाददाता- अभिषेक वर्मा
बदायूँ : कछला गंगा घाट पर माघ पूर्णिमा पर बुधवार को कोरोना संक्रमण में कमी आने के बाद श्रद्धालुओं में गंगा स्नान को लेकर काफ़ी उत्साह दिखाई दिया। जिसके चलते श्रद्धालुओं का गंगा स्नान के लिये भारी संख्या में गंगा घाट पर पहुँचना हुआ। गंगा स्नान के दौरान पूरा घाट हर हर गंगे के नारों से गूंजता नजर आया। श्रद्धालुओं ने ब्राह्मण, गरीबों को अन्न-वस्त्र का दान देकर पुण्य कमाया। बताते चले कि प्रशासन ने एक दिन पहले ही गंगा स्नान शांतिपूर्वक संपन्न कराने की तैयारियां पूरी कर ली थी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं जाम रोकने के लिये पांच थानों की पुलिस को लगाया गया। घाट पर गोताखोर भी तैनात किये गए। कछला गंगा तट पर प्रसाद, खजला, जलेबी की दुकानों के अलावा मीना बाजार पहले से ही सजकर तैयार हो गया था। इसके अलावा एसएसपी डॉ० ओ.पी सिंह भी घाट किनारे की गयी व्यवस्थाओं का जायजा पहले ही ले चुके थे। मुख्य घाट से लेकर पुल एवं कछला बाजार तक पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। वाहनों के प्रवेश पर घाट की ओर पाबंदी लगाई गई है। वाहन कालेज के सामने खाली पड़े ग्राउंड में पार्क कराये जा रहे है। बदायूँ जिले के तेजतर्रार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ० ओ.पी सिंह के निर्देशक में भारी संख्या में पुलिस फोर्स को सुरक्षा की दृष्टि से तैनात किया गया। जिसमें महिला थानाध्यक्ष रेनू सिंह व उनकी महिला पुलिस टीम भी रही। सी.ओ उझानी घाट पर निरीक्षण कर पुलिसकर्मियों को दिशा निर्देश देते नजर आए, तो वही सराहनीय कार्य से जाने वाली महिला अधिकारी एस०ओ० रेनू सिंह सुबह चार बजे से ही मुस्तैदी से अपनी पुलिस टीम के साथ ड्यूटी कर कर्तव्य निभाते नजर आई। वार्तालाप करने पर थानाध्यक्ष रेनू सिंह ने बताया हमारे पुलिस के श्रीमान पुलिस कप्तान महोदय जी के निर्देशन में पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद है शांतिपूर्वक बिना परेशानी के सभी श्रद्धालु गंगा स्नान कर रहे हैं जाम की स्थिति ना रहे इसके लिए हम सभी पुलिसकर्मी गंगा घाट एवं उसके आसपास भ्रमण करते हुए जायजा ले रहे हैं। यातायात व्यवस्था प्रभावित न हो इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात है। वही आप को बता दे कि माघ पूर्णिमा कछला घाट मेले में खजला, पेठा व जलेबी की बिक्री ज्यादा होती है। मेले में 20 से अधिक दुकानें मिठाई की लगी हैं। वहीं मीना बाजार की दुकानों की संख्या भी कम नहीं है। खिलौने की दुकानें भी लगी है जगह-जगह भंडारे लगें दिखाई दे रहे है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को देवताओं की विशेष तिथि कहा गया है. वहीं माघ के महीने की पूर्णिमा और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. माना जाता है कि इस पूरे माघ पूर्णिमा में देवी देवता मनुष्य रूप में धरती पर मौजूद रहते हैं और गंगा स्नान, दान, पुण्य आदि करते हैं. पूर्णिमा के दिन स्वयं जगत के पालनहार भगवान विष्णु गंगा नदी में विद्यमान होते हैं. ऐसे में माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का मोक्षदायी बताया गया है. इस दिन देवी और देवता भी धरती पर स्नान और दान करके अपने लोक में लौट जाते हैं. पूर्णिमा के व्रत को शास्त्रों में श्रेष्ठ व्रतों में से एक माना गया है. पूर्णिमा का व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और अनेक पाप नष्ट होते हैं. इस बार माघ पूर्णिमा तिथि 16 फरवरी को बुधवार के दिन पड़ी है। इस दिन जो भी श्रद्धालु व्रत रखते है वह माघ पूर्णिमा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ़-सफाई करते है इसके बाद गंगा स्नान करने गंगा जाते है अगर किसी तरह की कोई समस्या के करण गंगा घाट नही जा सका तो वह घर पर पानी में थोड़ा सा गंगा जल डालकर स्नान कर लेते है. इसके बाद भगवान के सामने पूर्णिमा का व्रत रखने का संकल्प लेते हुए. भगवान विष्णु की माता लक्ष्मी के साथ वाली तस्वीर रखते है एवं पूरी विधि विधान से पूजन करते है. पूजा के दौरान प्रभु को पुष्प, फल, मिठाई, पंचामृत और नैवेद्य अर्पित करने के इसके साथ ही माघ पूर्णिमा की व्रत की कथा पढ़ते या पंडित जी द्वारा पूरी विधि विधान के साथ कथा करवाते हुए भगवान की आराधना में सुनते है. पूजन के बाद सूर्य के सन्मुख खड़े होकर जल में तिल डालकर उसका तर्पण करते है. दिन भर व्रत रखकर श्रद्धालु भगवान का मनन करते है रात में चंद्र दर्शन करके चंद्रमा को अर्घ्य देंने के बाद अपना व्रत खोल लेते है. पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ना भी बेहद पुण्यदायी माना जाता है. मान्यता है कि इससे सौ यज्ञों के समतुल्य पुण्य की प्राप्ति होती है।
माघ पूर्णिमा व्रत कथा कांतिका नगर में धनेश्वर नाम का ब्राह्मण रहता था. वो अपना जीवन निर्वाह भिक्षा लेकर करता था. ब्राह्मण और उसकी पत्नी के कोई संतान नहीं थी. एक दिन ब्राह्मण की पत्नी नगर में भिक्षा मांगने गई, लेकिन लोगों ने उसे बांझ कहकर ताने मारे और भिक्षा देने से इनकार कर दिया. इससे वो बहुत दुखी हुई. तब किसी ने उससे 16 दिन तक मां काली की पूजा करने को कहा. ब्राह्मण दंपत्ति ने सभी नियमों का पालन करके मां काली का 16 दिनों तक पूजन किया. 16वें दिन माता काली प्रसन्न हुईं और प्रकट होकर ब्राह्मणी को गर्भवती होने का वरदान दिया. साथ ही कहा कि तुम पूर्णिमा को एक दीपक जलाओ और हर पूर्णिमा पर ये दीपक बढ़ाती जाना. जब तक ये दीपक कम से कम 32 की संख्या में न हो जाएं. साथ ही दोनों पति पत्नी मिलकर पूर्णिमा का व्रत भी रखना.ब्राह्मण दंपति ने माता के कहे अनुसार पूर्णिमा को दीपक जलाना शुरू कर दिया और दोनों पूर्णिमा का व्रत रखने लगे. इसी बीच ब्राह्मणी गर्भवती भी हो गई और कुछ समय बाद उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम देवदास रखा. लेकिन देवदास अल्पायु था. देवदास जब बड़ा हुआ तो उसे अपने मामा के साथ पढ़ने के लिए काशी भेजा गया.
काशी में उन दोनों के साथ एक दुर्घटना घटी जिसके कारण धोखे से देवदास का विवाह हो गया. कुछ समय बाद काल उसके प्राण लेने आया, लेकिन ब्राह्मण दंपति ने उस दिन अपने पुत्र के लिए पूर्णिमा का व्रत रखा था, इस कारण काल चाहकर भी उसका कुछ बिगाड़ न सका और उसे जीवनदान मिल गया. इस तरह पूर्णिमा के दिन व्रत रखते हुए पूजा अर्चना करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
वही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बदायूँ डॉ० ओ.पी सिंह ने बताया कि माघ पूर्णिमा पर जाम न लगे इसके लिये जनपद के सी ओ उझानी सहित कई थानाध्यक्ष को सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है वहीं जाम से निपटने के लिये चार पहिया वाहनों का गंगा तट के रास्ते पर प्रवेश वर्जित किया गया। गंगा स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं के निजी वाहनों के अलावा बसों व ट्रैक्टरों को कछला कालेज के सामने अस्थाई पार्किंग में खड़ा कराए जाने का इंतजाम किया गया साथ ही वह पर पुलिस की पिकेट भी तैनात की गई है। माघ पूर्णिमा पर बरेली मथुरा हाइवे से गंगा स्नान घाट तक मिठाई प्रसाद, मीना बाजार की दुकाने लगी है। जहाँ पर हमारी पुलिस तैनात है अपनी टीम बनाते हुए गश्त कर रही है।