1बदायूँ  । जिलाधिकारी दीपा रंजन एवं मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज द्वारा संयुक्त रूप से कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत उद्यान विभाग द्वारा करायी जा रही किसान गोष्ठी/सेमिनार का उद्घाटन फीता काट कर किया गया। गोष्ठी में उद्यान विभाग एवं कृषि सम्वर्गीय विभाग जैसे कृषि विभाग, गन्ना विभाग, पशुपालन विभाग, ड्रिप इरीगेशन सिस्टम आदि लगी प्रदर्शनी का जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी द्वारा अवलोकन किया गया।

गोष्ठी में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं उप निदेशक उद्यान द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत संकर शाकभाजी बीज मसाला मिर्च, धनिया, खीरा आदि का वितरण योजनान्तर्गत चयनित कृषक वेदराम, चन्द्रपाल, चन्द्रकली, बाबूराम, जाहरी सिंह, कुंवरपाल, राजपाल, रामपाल, करन सिंह, भानु प्रताप, डालचन्द्र, पप्पू सिंह, नत्थू सिंह आदि 150 कृषकों को किया गया। गोष्ठी में लगभग 400 कृषकों ने प्रतिभाग किया।

पूजा, जिला उद्यान अधिकारी/उप निदेशक उद्यान, बरेली मण्डल, बरेली द्वारा कृषकों की आय दोगुनी करने हेतु 3 मूल मंत्र 1. उत्पादन लागत कम करना, 2. उत्पादन को बढ़ाना, 3. उत्पादन को वेल्यू एडिशन करके बेचना जैसे, गेहॅू का आटा बनाकर विक्रय करना, हल्दी को उबाल कर, पाउडर बनाकर बाज़ार में बेचना कृषकों को बताते हुए सब्ज़ियों की पौध तैयार कराना तथा उद्यान विभाग में संचालित योजनाओं के बारे में तथा कृषकों को पॉली हाउस/नेट हाउस पर मिलने वाले 50 प्रतिशत अनुदान के बारे में तथा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पद्वति के बारे में भी पानी की बचत, गुणवत्ता फसल एवं देय अनुदान दो हेक्टेयर पर 80 प्रतिशत एवं दो हेक्टेयर से कम पर 90 प्रतिशत की जानकारी कृषकों को उपलब्ध करायी।

जिलाधिकारी द्वारा कृषकों जैविक खेती के विषय में जागरुक करते हुए बताया गया कि आज कल जैविक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, क्यांकि फलों एवं सब्ज़ियों में अन्धाधुन्द पेस्टीसाइड के प्रयोग से मानव स्वास्थ्य एवं मृदा स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा हुआ है, भूमि हमारी बंजर होती चली आ रही है, इसलिये हमें मृदा उर्वरता को सामान्य बनाये रखना जरूरी है। उन्होंने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने कृषकों की आय दोगुना करने का संकल्प लिया है, जिसको हमें करके दिखाने की आवश्यकता है।

मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज द्वारा गोष्ठी में उपस्थित कृषकों को परम्परागत खेती को छोड़कर उन्नत तकनीकी खेती, जल संरक्षण एवं ड्रिप सिस्टम लगाने हेतु विशेष बल देते हुए संबोधन किया गया।

गोष्ठी में उपस्थित जिला गन्ना अधिकारी रामकिशन सिंह, जिला कृषि अधिकारी डीके सिंह, परियोजना अधिकारी डास्प एके सिंह द्वारा अपने विभाग में संचालित योजनाओं के सम्बन्ध में विस्तार से व्याख्यान किया गया।

तकनीकी सत्र में कृषि विज्ञान केन्द्र के दातागंज के प्रभारी अजय विक्रम सिंह ने बागवानी एवं बागों के सहफसली पर विस्तृत चर्चा की। वैज्ञानिक डा0 फूलचन्द सिंह द्वारा फसलों में लगने वाले रोगों, उनके उपचार, कीटनाशक विधि एवं नयी तकनीकी से कृषि फसलें करने के संबंध में विस्तार से जानकारी प्राप्त करायी गयी। डा0 विमल कुमार द्वारा अमरुद, पपीता आदि बागवानी फसलों व आलू फसल में किस प्रकार से ड्रिप सिंचाई की स्थापना की जाती है, विस्तार पूर्वक कृषकों को जानकारी दी तथा कृषकों को गन्ने की खेती में ड्रिप सिंचाई के लाभ बताते हुए कृषकों को टै्रन्च विधि एवं रिंग विधि से गन्ना लगाने तथा गन्ने की फसल के बीच फसली खेती करने हेतु प्रेरित किया गया।

 

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