अखंड भारत के निर्माण में उनका योगदान सराहनीय – एड॰ पुनीत कुमार कश्यप

बदायूँ : आज युवा संकल्प सेवा समिति के तत्वधान में सरदार वल्लभ भाई पटेल की145वीं जयंती पर संस्था के सचिव एड॰ पुनीत कुमार कश्यप व संस्था के सदस्यों ने उनके चित्र पर पुष्प व माल्यार्पण कर उन्हें शत-शत नमन किया। एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता संस्था के उपाध्यक्ष योगेश पटेल ने की व संचालन योगेंद्र सागर ने किया।

संस्था के सचिव पुनीत कुमार कश्यप ने कहा कि 1991 में सरदार पटेल को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था. स्वतंत्रता के बाद देश की रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में उनका योगदान सराहनीय था। उन्होंने 562 रियासतों को भारतीय संघ में मिलाकर भारत का निर्माण करवाया था. इसलिए उन्हें राष्ट्रीय एकता का प्रतीक कहा जाता है।

संस्था के उपाध्यक्ष योगेश पटेल ने कहा की है कोर्ट में बहस चल रही थी। सरदार पटेल अपने मुवक्किल के लिए जिरह कर रहे थे, तभी एक व्यक्ति ने कागज़ में लिखकर उन्हें संदेश देता है। संदेश पढ़कर पटेल उस कागज को अपनी कोट की जेब में रख लेते हैं। उन्होंने जिरह जारी रखी और मुक़दमा जीत गए। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उस कागज पर उनकी पत्नी झावेर बा की मृत्यु की खबर थी। जब अदालती कार्यवाही समाप्त हुई तब उन्होंने अपनी पत्नी की मृत्यु की सूचना सबको दी।

संस्था के सदस्य विशाल वैश्य ने कहा कि आजादी के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए वह लोगों की पहली पसंद थे, लेकिन महात्मा गांधी की इच्छा का आदर करते हुए वह प्रधानमंत्री की दौड़ से अलग हो गए और इस पद के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू को अपना समर्थन दिया। सरकार बनने पर उन्हें उपप्रधानमंत्री व गृहमंत्री का पद सौंपा गया। इस दौरान उन्होंने देशी रियासतों का विलय कर एक राष्ट्र का निर्माण करने की जिम्मेदारी निभाई। हैदराबाद के अलावा बाकी रियासतों ने शांति पूर्वक भारत में अपना विलय होना स्वीकार किया। उन्होंने हैदाबाद में सेना भेजकर ऑपरेशन पोलो के तहत भारतीय गणराज्य में मिलाया।

इस मौके पर निखिल गुप्ता, मुनीश कुमार, प्रयाग सिंह, ज्ञान गौरव साहू, केंद्रभान सिंह, देशपाल सिंह सुनील कुमार, अजय कुमार, शंकरलाल अरविंद कुमार, शिव कुमार यादव उपेंद्र कश्यप, नरेश कश्यप, श्रीकांत सक्सेना, दीपक भारद्वाज, राजेंद्र कुमार, विश्वनाथ मौर्य, आदि उपस्थित रहे।

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