-श्रीराम शर्मा आचार्य ने की 19वें पुराण प्रज्ञा पुराण की रचना, 3200 पुस्तकों में विश्व को दिया सद्ज्ञान
-बालिकाओं ने लगाया पुस्तक मेला
बदायूँ: गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की जयंती और वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा का महाप्रयाण दिवस पर दीपयज्ञ का आयोजन हुआ। देवकन्याओं और मातृशक्तियों ने दीप प्रज्ज्वलित किए। विराट पुस्तक मेला लगाया गया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि वेदमूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने देवताओं, अवतारों और ऋषियों की उपास्य वेदमाता गायत्री को सिद्ध किया। 24-24 लाख के चौबीस महापुरूषचरण किए। जौ की एक रोटी, एक गिलास मट्ठा लेकर संपूर्ण विश्व की समस्याओं के समाधान के लिए 3200 से अधिक पुस्तकें सद्ज्ञान के रूप में लिखीं। 19 वें पुराण प्रज्ञा पुराण की रचना की।
शक्तिपीठ के परिब्राजक सचिन देव ने कहा वेदमूर्ति पं. श्रीराम शर्मा आचार्य को गायत्री साधना के लिए महर्षि वशिष्ठ और गायत्री विद्या के युगानुरूप क्रांतिकारी प्रयोग के लिए महर्षि विश्वामित्र के रूप में स्वीकार किया गया।
मातृशक्ति माया सक्सेना और राजेश्वरी ने वेदमंत्रोच्चारण कर दीपयज्ञ संपन्न कराया। देवकन्याओं और मातृशक्तियों ने मां गायत्री, वेदमूर्ति पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा का पूजन कर दीप प्रज्ज्वलित किए। दीपकों की झिलमिलाती रोशनी आकर्षण का केंद्र रही। भव्य आरती के बाद प्रसाद वितरण हुआ। इस मौके पर सचिन देव, राजेश्वरी, माया सक्सेना, प्रज्ञा, नेहा, पल्लवी, गुड़िया, बंटी आदि मौजूद रहीं।