-गुरु शिष्य परंपरा ही करती है, मानव में देवत्व का उदय
-शिक्षकों के संयमित जीवन से लें श्रेष्ठ संस्कार
बदायूँ: अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से दिव्य सेवा संस्थान के कार्यालय पर कादरचौक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सिरसा की प्रधानाध्यापिका अनीता शर्मा के सेवानिवृत्त होने पर युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का सद्साहित्य, प्रतीक चिन्ह व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
यज्ञवीर की उपाधि से विभूषित गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि विद्यालय मंदिर और बच्चें भगवान हैं। गुरु-शिष्य परंपरा ही मानव में देवत्व और धरती पर स्वर्ग का अवतरण करती है। शिक्षक तप, त्याग और समर्पण की साक्षात मूर्ति हैं। बच्चे गुरुजनों का सम्मान करें, लक्ष्य को पायें। श्रेष्ठ कार्यों से जीवन महान और दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनता है।
समेकित शिक्षा के शिक्षक सुरेश मिश्रा ने कहा कि शिक्षकों के संयमित और पवित्र जीवन से अमूल्य संस्कार लें। ज्ञान के अलौकिक प्रकाश को आत्मसात करें। ईश्वरीय और गुरुसत्ता के श्रेष्ठतम मार्ग पर चलकर जीवन को सार्थक बनाएं।
मातृशक्ति रजनी मिश्रा ने कहा कि शिक्षकों अपार से से बच्चों में उज्ज्वल भविष्य की अपार संभावनाएं दिख रहीं हैं।
इस मौके पर प्रदन्या मिश्रा, भवेश शर्मा, हेमंत शर्मा आदि मौजूद रहे। संचालन मृत्युंजय शर्मा ने किया।