जनपद के शिक्षक-शिक्षामित्र-अनुदेशक-आंगनवाड़ी कार्यकत्री, रसोईया आदि ने एकजुट होकर किया धरना प्रदर्शन
बदायूँ। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय आह्वान पर जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा के नेतृत्व में आज जनपद के समस्त विकास क्षेत्रों के ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, विशेष शिक्षक, के0जी0बी0वी0 शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकत्री, एवं रसोईयां अपनी लम्बित 21 सूत्रीय मांगों को पूरा कराने के लिए एक मंच पर धरने पर बैठे।
जिसमें ब्लॉक जगत के शिक्षकों का धरना आज नगला मंदिर प्रांगण में जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा की देखरेख में हुआ यहां सभी ने अपनी मांगों के लिए एक स्वर में आवाज उठाई।
यहां धरने को सम्बोधन कर रहें जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में बेसिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शैक्षिक संवर्ग के लोगो की मांग पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।
उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली, शिक्षको के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण, कैशलेश चिकित्सा सुविधा, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, के0जी0बी0वी0 शिक्षको एवं विशेष शिक्षकों को स्थायी करने की मांग की। इसके साथ ही रसोईयों व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय क्रमशः 10 हजार व 15 हजार रुपये करने व समस्त लम्बित 2 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की पुरजोर मांग की। उनके द्वारा सालारपुर, म्याऊं, दातागंज में भी धरने को सम्बोधित किया गया।
म्याऊं की बी0आर0सी0 पर धरने को सम्बोधित करते हुए जिला मंत्री उदयवीर सिंह यादव ने कहा कि पिछले कई वर्षों से पदोन्नति की राह देख रहे है। गत वर्ष एक ही प्रांगण में स्थित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन किए जाने का विरोध किया। कहा कि इससे प्रदेश में सवा लाख प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त कर दिए। उन्होंने संविलियन निरस्त करने की पुरजोर मांग की।
अंबियापुर में अध्यक्षता कर रहे जिला कोषाध्यक्ष सुशील चौधरी ने पुरानी पेंशन बहाली, स्थानांतरण, के साथ ही कहा कि लैपटॉप और टेबलेट जैसे गैजेट्स न दिए जाने के बावजूद ऑनलाईन कार्य के लिए बाध्य कर सरकार द्वारा शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। इस प्रकार का शोषण बर्दाश्त नही किया जाएगा।
उ0प्र0प्रा0 शिक्षामित्र संघ के जिला अध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि शासन द्वारा द्वेषपूर्ण नीति के तहत समायोजन रद्द किया फिर टी0ई0टी0 को अनिवार्य किया। कुछ शिक्षा मित्रों द्वारा टीईटी भी उत्तीर्ण कर लिया गया तो उसके बाद शासन द्वारा सुपर टैट थोप दिया गया। उनका कहना है कि अधिकांश शिक्षामित्र अब उम्र के ऐसे पड़ाव में उनके लिए परीक्षाओं की तैयारी करना बहुत मुश्किल है शासन को हमें शिक्षक पद पर स्थाई नौकरी देनी चाहिए।
अनुदेशक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रतीक दुबे ने बताया कि नियुक्ति वर्ष 2013 में उनका मानदेय 7 हजार था और आज 8 वर्ष बाद भी 7 हजार है जिसमें घर का खर्चा चलाना बेहद मुश्किल है। हाई कोर्ट द्वारा 17 हजार रू0 मानदेय करने का आदेश दिया गया परंतु सरकार ने हठधर्मिता दिखाते हुए आदेश का अनुपालन नहीं किया।
रसोइया संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मृदुलेश यादव ने कहा कि रसोईया छात्रों के लिए शुद्ध एवं स्वच्छ भोजन बनाती है उन्हें पन्द्रह सौ रुपए मानदेय के हिसाब से मात्र 50 रूपये प्रतिदिन में कार्य कराकर न्यूनतम वेतन अधिनियम का शासन द्वारा खुला उल्लंघन किया जा रहा है। जिसके चलते समस्त रसोईयों रोष व्याप्त है। सरकार को इस और ध्यान देकर मानदेय कम से कम 10 हजार करना चाहिए।
आंगनबाड़ी संघ की जिलाध्यक्ष मिथलेश ने कहा कि शासन द्वारा लगातार उनके काम बढ़ा दिए जा रहे है परन्तु मानदेय नही बढ़ाये जाने से आर्थिक संकट से जूझ रहे है। उन्होंने 15 हजार रूपये मानदेय करने की मांग की।
समस्त विकास क्षेत्रो में चल रहे धरने में सभी ने एकजुट होकर अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए नारेबाजी पर ब्लॉक अध्यक्ष, मंत्री एवं कोषाध्यक्ष गणों, समेत शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों एवं विशेष शिक्षकों ने मंच के माध्यम से अपनी पीड़ा साझा की और सरकार को शोषण बन्द न करने की स्थिति में भविष्य में शासन के द्वेषपूर्ण रवैये का बदला लेने की बात तक कही। समस्त विकास क्षेत्रों में धरने का समापन मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को 21 सूत्रीय मांगो युक्त ज्ञापन प्रेषित कर किया गया।
जिलाध्यक्ष शर्मा जी से वार्ता पर उन्होंने बताया कि प्रदेश में शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, आंगनवाड़ी, रसोईया विशेष शिक्षक आदि की संख्या लगभग 16 लाख है और ये सभी अपनी लम्बित मांगो के निराकरण न होने से निराश है। इस दौरान जनपद के शिक्षक, शिक्षामित्रों-अनुदेशकों-आंगनवाड़ी कार्यकत्री-रसोईयों आगामी विधानसभा चुनाव में 21 सूत्रीय मांगों को पूरा करने का ठोस आश्वासन देकर अपने घोषणा पत्र में शामिल करने वाली पार्टी को ही समर्थन देने की बात करते दिखे।