बदायूँ शिखर ब्यूरो
बदायूं : बहुचर्चित गुप्ता दंपती रिटायर्ड इंजीनियर विजेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी शन्नो गुप्ता की हत्या के मामले में छह साल बाद पहली गिरफ्तारी हुई है। वर्ष 2015 में हुए गुप्ता दंपती हत्याकांड में सीबीआइ ने पड़ोस में रहने वाले उदय प्रकाश को ही हत्यारोपित माना है। इसके चलते सीबीआइ बार बार उदय प्रकाश के स्वजन से पूछताछ कर रही थी। इस बीच उदय प्रकाश ने वर्ष 2019 में फांसी लगाकर जान दे दी थी। मामले में सीबीआइ ने उदय के भाई योगेश को गिरफ्तार किया है। सीबीआइ चार दिन तक योगेश पर रिमांड पर रखकर पूछताछ करेगी।
गुप्ता दंपती हत्याकांड में सीबीआइ को आशंका थी कि उदय ने मरने से पहले अपने स्वजन को इस मामले की जानकारी दी होगी। इसके अलावा गुप्ता दंपती की हत्या के बाद जो सामान लूटा गया था, उसे स्वजन को दिया होगा। इसके चलते ही कुछ दिन पहले सीबीआइ ने उदय के घर से कुछ सामान भी बरामद किया था। इसी सिलसिले में पूछताछ के लिए सीबीआइ ने उदय प्रकाश के भाई योगेश को लखनऊ बुलाया था। पूछताछ के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। बाद में उदय प्रकाश की पत्नी के भी बयान दर्ज किए गए, जिसमें योगेश का नाम सामने आया। योगेश के खातों से भी ट्रांजेक्शन में बड़ी रकम की निकासी मिली है। उदय प्रकाश की पत्नी के बयान के बाद पुलिस ने योगेश को गिरफ्तार कर लखनऊ में ही न्यायालय में पेश किया और चार दिन की रिमांड मांगी। न्यायालय ने सीबीआइ को योगेश की रिमांड की भी मंजूरी दे दी है। अब सीबीआइ चार दिन तक योगेश को रिमांड पर रखकर पूछताछ करेगी।
क्या था मामलाः बदायूं के सदर कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला कटरा ब्राह्मपुरा निवासी रिटायर्ड इंजीनियर विजेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी शन्नो गुप्ता की अप्रैल 2015 में हत्या की गई थी। करीब पांच दिन तक शव घर में ही पड़े रहे थे। बाद में बदबू आने पर घर खोल कर देखने पर छह अप्रैल 2015 को दंपती विजेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी शन्नो गुप्ता के शव बरामद किए गए थे। इस मामले में सदर कोतवाली पुलिस के अलावा एसटीएफ ने भी जांच की थी, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा था। इसके बाद इस केस को सीबीआई को सौंप दिया गया था।