जिला संवाददाता विजय कुमार वर्मा
बदायूँ : फाल्गुन की बयार के साथ ही नगर के बाजारों में होली का उत्साह और उमंग नजर आने लगा है। दुकानों पर रंग, गुलाल व पिचकारियां सजने लगी हैं। होली के लिए नए नए मुखौटे भी बाजार में आ गए है। होली खेलने के लिए इस बार बच्चों के लिए बहुत सी टॉयज वाली पिचकारियां आई हुई है। इस बार सबसे ज्यादा मांग मोदीराज के पपं और डायनासोर व बैग वाले टैंकों की है। इसके साथ ही छोटे बड़े आकार वाली पिस्तॉल वाली पिचकारियां, मोटू पतलू , भीम आदि खिलौने पिचकारी के रूप में आए हुए हैं। बाजार में होली खेलने के लिए छोटे बड़े आकार वाली पिचकारियां आई हुई है। गुलाबी, हरा, काला, पीला रंग बाजार में बिक्री के लिए आया हुआ है।
ने बताया कि पहले होली के रंग प्राकृतिक रंगों से तैयार किए जाते थे जो स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाते थे। बाद में रासायनिक रंगों से मिलेजूले रंग बाजार में बिकने लगे। इससे त्वचा को नुकसान होने लगा है। इसके चलते अब बाजार में हर्बल रंग बिक रहे हैं। रंगीले रंगों में चंदन, टेसू, गुलाब सहित अन्य फूलों की खुशबू आती है। इससे त्वचा को नुकसान होने की संभावना कम रहती है। इस बार सबसे ज्यादा माँग केसरिया गुलाल की है। पिछली बार से महंगाई भी ज्यादा है। होली के दिन एक दूसरे पर रंग डालने की परंपरा है। होली पर रंग डालते समय पहचान ना हो और रंग लगने से चेहरा खराब ना हो इसके लिए बाजार में तरह तरह के मुखौटे आए हुए हैं। भूत वाले मुखौटे सबसे ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। बालों को बचाने के लिए काले, भूरे व रंग बिरंगे बालों वाले विग आए हुए हैं। इसके साथ ही पगड़ी, टोपियां भी उपलब्ध हैं।

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