BUDAUN SHIKHAR
सहसवान
रिपोर्ट आसिम अली
“सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुले हैं इसके है प्यारा चमन हमारा”
” बहती है इसके हजारों नदियां इसके दामन सहन में इसकी आबो हवा से मुमताज है चमन”
” हमारा शादाब वतन की ज़ीनत है हिंदुस्तान हमारा’
“खाकसार हम हैं हिंदुस्तानी हैं हिंदुस्तान हमारा सारे जहां से अच्छा है हिंदुस्तान हमारा”
लेखक
ख़ाकसार सहसवा नी मुंशी हसीब उल्ला