BUDAUN SHIKHAR
बिल्सी
23/09/2019

बिल्सी महेश्वरी धर्मशाला में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथा दिन के अवसर पर पुष्कर पीठाधीश्वर श्रीमद् जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी रामचन्द्रचार्य जी महाराज ने देवकी और वासुदेव के विवाह के प्रसंग के माध्यम से पुत्र पुत्रियों के विवाह श्रेष्ठ शुद्ध अंताकरण से सम्पन्न करने चाहिए क्योंकि धर्म को साथ रखकर विवाह ही सफलीभूत होते है स्वामी जी महाराज ने श्री कृष्ण भगवान के जन्म की कथा का मनोरम एवं कल्याण कारी विवेचन किया
स्वामी जी ने महाराज ने कहा है कि भगवान का अवतार मात्र राक्षसों के लिए नहीं होता है अपितु मनुष्य एव प्राणी मात्र को संस्कारित शिक्षा देने के लिए भी होता है जब जब धर्म के हानि बादै्
असुर अधम अभिमानी समस्त अर्थ समस्त प्रकार के धर्मों की हानि होती है अर्थात् जब समस्त प्रकार के धर्मों की हानि होती हैं तब भगवान का अवतार होता हैं कंश के अत्याचारों से पीडित होकर ब्रजवासियों के कल्याण के लिए भगवान कृष्ण ने देवकी वसुदेव के माध्यम से भगवान ने अवतार लिया ।


यजमान श्री हनुमानजी महाराज ,
महंत श्री मटरुमल शर्मा जी महाराज ,प्रदीप शर्मा शाति देवी शर्मा मंजुला शर्मा,रेखा शर्मा, रेनु शर्मा सारिता ,सारिका, हेमा गुप्ता, ममता राठी ,संजीव शर्मा स्वतंत्र राठी दीपक माहेश्वरी ( बाबा ),यश शर्मा ,संजीव नेताजी, सुभाष बाहेती , दीपू शर्मा चन्दौसी, जय प्रकाश लडडा, विशाल भारत खासट, गौरे लाल शर्मा ,ऋसव प्रकाश, कमला कान्त जी महाराज, पुष्कीन माहेश्वरी, अनुप माहेश्वरी, प्रवीन वाष्र्णेय, रोहित माहेश्वरी टेना माहेश्वरी, डा०राजा बाबू ,मुनीश गिरि ,गिरिश गिरि, चारु सोमानी, मीनू माहेश्वरी,डिम्पल सोमानी,
समस्त भक्तगण।के अवसर पर पुष्कर पीठाधीश्वर श्रीमद् जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी रामचन्द्रचार्य जी महाराज ने देवकी और वासुदेव के विवाह के प्रसंग के माध्यम से पुत्र पुत्रियों के विवाह श्रेष्ठ शुद्ध अंताकरण से सम्पन्न करने चाहिए क्योंकि धर्म को साथ रखकर विवाह ही सफलीभूत होते है स्वामी जी महाराज ने श्री कृष्ण भगवान के जन्म की कथा का मनोरम एवं कल्याण कारी विवेचन किया
स्वामी जी ने महाराज ने कहा है कि भगवान का अवतार मात्र राक्षसों के लिए नहीं होता है अपितु मनुष्य एव प्राणी मात्र को संस्कारित शिक्षा देने के लिए भी होता है जब जब धर्म के हानि बादै्
असुर अधम अभिमानी समस्त अर्थ समस्त प्रकार के धर्मों की हानि होती है अर्थात् जब समस्त प्रकार के धर्मों की हानि होती हैं तब भगवान का अवतार होता हैं कंश के अत्याचारों से पीडित होकर ब्रजवासियों के कल्याण के लिए भगवान कृष्ण ने देवकी वसुदेव के माध्यम से भगवान ने अवतार लिया ।

यजमान श्री हनुमानजी महाराज ,

महंत श्री मटरुमल शर्मा जी महाराज ,प्रदीप शर्मा शाति देवी शर्मा मंजुला शर्मा,रेखा शर्मा, रेनु शर्मा सारिता ,सारिका, हेमा गुप्ता, ममता राठी ,संजीव शर्मा स्वतंत्र राठी दीपक माहेश्वरी ( बाबा ),यश शर्मा ,संजीव नेताजी, सुभाष बाहेती , दीपू शर्मा चन्दौसी, जय प्रकाश लडडा, विशाल भारत खासट, गौरे लाल शर्मा ,ऋसव प्रकाश, कमला कान्त जी महाराज, पुष्कीन माहेश्वरी, अनुप माहेश्वरी, प्रवीन वाष्र्णेय, रोहित माहेश्वरी टेना माहेश्वरी, डा०राजा बाबू ,मुनीश गिरि ,गिरिश गिरि, चारु सोमानी, मीनू माहेश्वरी,डिम्पल सोमानी,
समस्त भक्तगण।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *