BUDAUN SHIKHAR दातागंज (बदायूँ)

रिपोर्ट- अभिषेक वर्मा
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डॉ० शैलेष पाठक ने अपने आवास से किसान बेटी का विवाह करा कर मानवता की मिसाल पेश की है।डॉ० शैलेष पाठक ने प्रथम लॉक डाउन के दूसरे दिन से ही अपने लिए जनता को समर्पित कर दिया है l
ग्राम नवादा बदन के मध्यमवर्गीय किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले राम खिलौना की बेटी का विवाह कोरोना के संकट से पूर्व ही इसी तारीख़ में होना तय हुआ था।लेकिन लॉक डाउन के चलते पूर्व में तय किए हुए हलवाई व बारात घर संचालक ने हाथ खड़े कर दिएl ऐसे में राम खिलौना ने अपनी व्यथा डॉ० शैलेष पाठक को बताई तब उन्होने दोनों पक्षों से बात करके इस विवाह को को अपने आवास से सामाजिक दूरी का पालन कराते हुए कराने का निर्णय लिया।इस दौरान डॉ० शैलेष पाठक ने कहा कि मैं बहुत पहले से ये कह रहा हूँ कि बड़ी समस्या में छोटी समस्या नज़र अन्दाज़ कर दी जाती।कोरोना के अलावा भी कई प्रकार की सामाजिक समस्याएं है हर वर्ग के लोग नियमित तौर पर झेल रहे है।फिर चाहे वो दवा ना मिलना हो,चाहे प्रवासी मज़दूर को भोजन हो,चाहे किसान की ज़रूरत हो।कोरोना के विरुद्ध जंग में ऐसी ही हर समस्या के लिया हर संभव प्रयास मेरे द्वारा किया जा रहा है और किया जाता रहेगा।वधु के पिता राम खिलौना से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि ऐसे समय में जब कोरोना के चलते लोग आम जनता से बात करना पसंद नहीं कर रहे हैं।ऐसे समय पर डॉ० शैलेष पाठक ने उनकी बेटी का विवाह अपने आवास से करके हम सबको ये बताया कि उनकी कथनी और करनी में अंतर नही। वो हमेशा कहते है जनता ही मेरा परिवार है आज मेरी बेटी को अपनी बेटी मानकर उन्होंने इस विवाह के कार्यक्रम अपने आवास से सम्पन्न करा के पूरे समाज के लिए एक संदेश दिया है कि सेवा सिर्फ़ बातों से नही होती आपके कर्मों में भी दिखनी चाहिए।

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