बदायूँ। कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राज कुमार सिंह ने अवगत कराया है कि उच्च न्यायालय , इलाहाबाद के निर्देश के अनुसार अग्रिम आदेश तक अर्जेन्ट फौजदारी प्रार्थना पत्र/वाद, अर्जेन्ट सिविल प्रार्थना पत्र/ वाद की सुनवाई विधि अनुसार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम को किये जाने हेतु आदेश पूर्व मे पारित किया जा चुका है तथा अधिवक्ता/वादकारी के न्यायालय परिसर में प्रवेश पर रोक लगी हुई है। ऐसी स्थिति में जो दाण्डिका प्रर्कीण वाद जोकि धारा 128 दं0प्र0स0के अधीन वसूली से सम्बंधित है और उन वादो का भरण पोषण की धनराशि पूर्व में न्यायालय के खाते में जमा है, की निकासी वादकारी/प्रार्थिनी के द्वारा नहीं हो पा रही है।

अतः उक्त जमाशुदा भरण पोषण की धनराशि की निकासी हेतु वादकारी/ प्रार्थिनी की ओर उनके अधिवक्ता के द्वारा ई-मेल budaun24districtcourt@gmail.com के माध्यम से प्रार्थना पत्त प्रस्तुत किये जा सकेगें जिन पर सुनवाई कर विधि अनुसार निस्तान करते हुये वांछित जमा भरण पोषण की धनराशि वादकारी/प्रार्थिनी के बैंक खाते में अन्तरण के माध्यम से जमा करवायी जायेगी जिससे कि वादकारी/ प्रार्थिनी के भरण पोषण आसानी हो सके।

इस निमित्त वादकारी/प्रार्थिनी को यह आदेश दिया जाता है कि यह प्रार्थना पत्र में अपना संचालित खाते का पूर्ण विवरण जैसे नाम, बैंक खाता संख्या, आई0एफ0सी0 कोड व बैंक का नाम आवश्यक रूप से अंकित करें जिससे उक्त भरण पोषण की धनराशि का भुगतान वादकारी/प्रार्थिनी को करते हुये चांछित भरण पोषण की धनराशि वादकारी/प्रार्थिनी के उक्त बैंक खाते में न्यायालय द्वारा सीधे अन्तरित की जा सके।

वादकारी/प्रार्थिनी को प्रार्थना पत्र के साथ अपने बैंक खाते की पासबुक के प्रथम पृष्ठ जिसमें कि प्रार्थिनी के बचत खाते का पूर्ण विवरणा अंकित हो, की छाया प्रति प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता अपना मोबाइल नम्बर अवश्य अंकित करें जिससे किसी प्रकार की त्रुटि होने एवं प्रार्थना पत्र की सुनवाई के नियत समय के सम्बंध में उनको सूचित किया जा सके।

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