BUDAUN SHIKHAR

बदायूँ

आज दिनांक 13.12.2019 को मुख्य विकास अधिकारी महोदया द्वारा विकास भवन परिवार बदायूं के सौजन्य से शीतलहर में कमजोर तबके की महिलाओं को कंबल वितरण किया गया ।

शेखुपुर के पास श्रीकांत भट्टा पर दूसरे प्रांत से मजदूरी करने आए व्यक्तियों को मुख्य विकास अधिकारी महोदया द्वारा कंबल वितरण किया गया। दूसरे प्रांत जैसे बिहार, छत्तीसगढ़ व अन्य प्रांत से अपने परिवार के साथ श्रमिक अपना घर-बार छोड़कर ईंट के भट्टे पर काम की तलाश में आते हैं तथा कार्य समाप्त होने पर अपने घर वापस चले जाते हैं। इन व्यक्तियों के पास रहने के लिए वहीं भट्टे पर ही ईंट व टीन का घर बना होता है। मुख्य विकास अधिकारी महोदया द्वारा श्रीकांत भट्टे पर तथा आसपास के अन्य भट्टों पर भी कार्यरत महिला श्रमिकों को कुल 60 कम्बलों का वितरण किया गया । साथ ही भट्टे पर कार्यरत खच्चर/ घोड़ों के मालिक (श्रमिकों)को जो ईंट की ढुलाई करते हैं, उन्हें भी नि:शुल्क कम्बल वितरण किया गया। इस दौरान डॉ.ए.के.जादौन, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, श्री ज्ञानेंद्र कुमार मैनेजर ब्रुक्स हॉस्पिटल बदायूं ,श्री सत्येंद्र मिश्रा श्रम प्रवर्तन अधिकारी एवं भट्टा मालिक आदि उपस्थित रहे
[12/13, 18:38] Vasudev: माटी कला के कामगार हुए हाईटेक
नगर विकास राज्यमंत्री, अध्यक्ष माटी कला बोर्ड एवं डीएम, एसएसपी ने 5 कामगारों को बांटे इलेक्ट्रॉनिक चौक
बदायूँ : 13 दिसंबर। माटी कला के कामगारों के आधुनिकरण, उत्थान एवं उन्नयन हेतु केंद्र और राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। मिट्टी कला का कार्य करने वाले प्रत्येक कामगार को न केवल पट्टे उपलब्ध कराए जाएंगे बल्कि आधुनिकीकरण हेतु इलेक्ट्रॉनिक चाक, भट्टी और मिट्टी गोंधने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीन भी उपलब्ध कराई जाएगी। शुक्रवार को कलक्ट्रेट स्थित अटल बिहारी वाजपेई सभागार में प्रदेश के नगर विकास राज्य मंत्री महेश चंद्र गुप्ता एवं प्रदेश के माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति, जिलाधिकारी कुमार प्रशांत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी ने ग्राम उघैती गर्वी निवासी जयनारायण, ग्राम गदगांव निवासी पूरनलाल, ग्राम कनहर निवासी विक्रम सिंह, ग्राम दुन्दपुर निवासी मोहनलाल तथा ग्राम गिधौल निवासी अर्जुन को लगभग 17 हजार रुपये की लागत का इलेक्ट्रॉनिक चाक निःशुल्क उपलब्ध कराया गया। इलेक्ट्रॉनिक चाक मिलने पर अब कारीगरो को हाथ से चाक नहीं चलाना पड़ेगा। जनपद में अलग-अलग दो समितियों का गठन किया जाएगा, जो माटी कला के कामगारों के उत्थान के कार्य के साथ ही दस लाख रुपए तक की नि:शुल्क टूल किट उपलब्ध कराने एवं चयन आदि के लिए कार्य करेगी। अध्यक्ष ने कहा कि माटी के बर्तनों को बढ़ावा देने के लिए जनपद को प्लास्टिक मुक्त किया जाए। मिट्टी के बर्तनों में खुर्जा में प्रेशर कुकर, पानी की बोतल, भोजन थाली, गिलास, जग आदि तैयार किए जा रहे हैं। थर्माकोल भी प्लास्टिक से अधिक हानिकारक है, इसके स्थान पर मिट्टी के बर्तनों का उपयोग किया जाए। उन्होंने पानी के संचयन पर बल देते हुए कहा कि अधिक पानी बर्बाद करने वालों को चिन्हित करने और उन पर कार्रवाई करने की कार्यवाही अमल में लाई जाए। कुम्हारों के उत्थान हेतु बोर्ड का गठन किया गया है, नई पीढ़ी को मिट्टी के काम से जोड़ने और स्वरोजगार कराना ही बोर्ड का उद्देश है। उन्होंने डीएम से कहा कि सरकारी मीटिंग आदि में मिट्टी के गिलास एवं कुल्लड़ आदि का ही प्रयोग किया जाए। उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिए कि कुम्हारी कला के कामगारों के लिए तहसील दिवसों में नि:शुल्क स्टाल लगाकर मिट्टी के बर्तनों को दिखाने एवं बेचने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि प्रजापति समाज के कामगारों को कुम्हारी कला की सहकारी समिति को पंजीकरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमें कोई भी कुम्हारी कला का कामगार सहकारी समिति में पंजीकरण कराने हेतु जिला उद्योग कार्यालय से संपर्क कर सकता है। उन्होंने बताया कि मिट्टी के बर्तनों में 26 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं इसका प्रयोग करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है, जबकि प्लास्टिक और थर्माकोल का प्रयोग कैंसर और गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नरेंद्र बहादुर सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामनिवास शर्मा, उप जिलाधिकारी सदर पारसनाथ मौर्य, सीएमओ मनजीत सिंह, उपायुक्त उद्योग जैस्मिन एवं जिला ग्रामोद्योग अधिकारी कमलेश कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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