बदायूँ  : सपा प्रत्याशी पूर्व विधायक सिनोद शाक्य के पर्चा वापस लेने से भाजपा प्रत्याशी वागीश पाठक का निर्विरोध एमएलसी बनना तय हो गया है। भाजपा खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई है। बुधवार दोपहर तकरीबन तीन बजे सिनोद शाक्य अपने अभिकर्ता के साथ कलक्ट्रेट पहुंचे और पर्चा वापस कराने के बाद चुपचाप चले गए। लोगों को इसकी भनक तब लगी जब डीएम आफिस के गेट पर इसका नोटिस चिपकाया गया। एमएलसी चुनाव के लिए सोमवार को सिनोद शाक्य ने पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव , पूर्व राज्यमंत्री ओमकार सिंह, सपा जिलाध्यक्ष प्रेमपाल पाल सिंह यादव, विधायक आशुतोष मौर्य, विधायक हिमांशु यादव, विधायक ब्रजेश यादव समेत सपा नेताओं के साथ कलक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन दाखिल किया था। सिनोद ने नामांकन के बाद पत्रकार वार्ता मे अपनी सौ प्रतिशत जीत का दावा भी किया था। 22 मार्च को जांच में उनका नामांकन वैध पाया गया। नाम वापसी के एक दिन पहले ही बुधवार को सिनोद ने पर्चा वापस लेकर सबको चौंका दिया। भाजपा सपा मे एमएलसी चुनाव मे कांटे की टक्कर मानी जा रही थी लेकिन बुधवार को अचानक सारे समीकरण धड़ाम हो गये। चर्चा यह भी है कि सिनोद शाक्य मंगलवार को लखनऊ में थे। यहां उनकी बड़े भाजपा नेताओं से बात हुई,उन्हें भविष्य में अन्य पदों पर होने वाले चुनाव में मौका देने का आश्वासन दिया है। तड़के ही वह बदायूं लौटे और दोपहर पर्चा वापस ले लिया। इसे सपा खेमे के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है।सपा का गढ़ कहे जाने वाले बदायूं में पहली बार भाजपा का एमएलसी बनना तय है। सपा प्रत्याशी ने पर्चा वापस लेकर पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को तगड़ा झटका दिया है।

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